The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 21 : -
रबड़ का वल्कनीकरण (Vulcanization of rubber) : प्राकृतिक रबड़ उच्च ताप (> 335 K) पर नर्म और निम्न ताप (< 283 K) पर भंगुर हो जाता है एवं उच्च जल अवशोषण क्षमता प्रदर्शित करता है। यह अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है और ऑक्सीकरण कर्मकों के आक्रमण के प्रति प्रतिरोधी नहीं है। इन भौतिक गुणों में सुधार के लिए वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया में अपरिष्कृत रबड़ को सल्फर और उपयुक्त योगजों के साथ 373 K से 415 K के ताप परास के मध्य गर्म किया जाता है। वल्कनीकरण से द्विबन्धों की अभिक्रियाशील स्थितियों पर सल्फर तिर्यक बन्ध बनाता है और इस प्रकार रबड़ कठोर हो जाता है।
Answer - 22 : - नाइलॉन-6,
Answer - 23 : -
Answer - 24 : - (i)
Answer - 25 : - डेक्रॉन को एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल के संघनन बहुलकन से जल के अणुओं के विलोपन के साथ प्राप्त किया जाता है। अभिक्रिया को 420 – 460 K पर जिंक ऐसीटेट तथा ऐण्टीमनी ट्राइऑक्साइड के मिश्रण से बने उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराया जाता है।
Answer - 26 : - वे बहुलक जो एक समय बाद जीवाण्विक निम्नीकरण के कारण स्वयं ही विघटित हो जाते हैं, जैव-निम्नीकरणीय बहुलक (biodegradable polymers) कहलाते हैं।उदाहरण :पॉलि – β – हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को – β -हाइड्रॉक्सी-वैलेरेट (PHBV) :यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनोइक अम्ल और 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलकन से प्राप्त होता है। PHBV को उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों और औषधों के नियन्त्रित मोचन में भी होता है। पर्यावरण में PHVB का जीवाण्विक निम्नीकरण हो जाता है।