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Chapter 13 ऐमीन (Amines) Solutions

Question - 21 : - निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए

Answer - 21 : -


Question - 22 : - ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन को गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण से क्यों नहीं बनाया जा सकता?

Answer - 22 : - ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण द्वारा नहीं बनाई जा सकती क्योंकि ऐरिल हैलाइड थैलिमाइड द्वारा निर्मित ऋणीयन के साथ नाभिकस्नेही प्रतिस्थापने अभिक्रियाएँ नहीं देते हैं।

Question - 23 : - ऐलिपैटिक एवं ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीनों की नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया लिखिए।

Answer - 23 : - (i) ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन HCI की उपस्थिचिभमें माइट्रस अम्ल के साथ अभिक्रिया करके ऐरोमैटिक डाइऐजोनियम लवण बनाती हैं।

(ii) ऐलिफैटिक प्राथमिक ऐमीन नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया करके प्राथमिक ऐल्कोहॉल तथानाइट्रोजन गैस देती हैं।

Question - 24 : - निम्नलिखित में प्रत्येक का सम्भावित कारण बताइए
(i) समतुल्य अणु द्रव्यमान वाले ऐमीनों की अम्लता ऐल्कोहॉलों से कम होती है।
(ii) प्राथमिक ऐमीनों का क्वथनांक तृतीयक ऐमीनों से अधिक होता है।
(iii) ऐरोमैटिक ऐमीनों की तुलना में ऐलिफैटिक ऐमीन प्रबल क्षारक होते हैं।

Answer - 24 : - (i) किसी ऐमीन से एक प्रोटॉन निकलने पर ऐमाइड आयन प्राप्त होता है, जबकि ऐल्कोहॉल से एक प्रोटॉन निकलने पर ऐल्कॉक्साइड आयन प्राप्त होता है जैसा कि निम्नवत् दर्शाया गया है

चूँकि N की तुलना में 0 अधिक विद्युतऋणात्मक है, इसलिए RO° पर ऋणावेश RNH° की तुलना में अधिक सरलता से रह सकता है। दूसरे शब्दों में, ऐमीन ऐल्कोहॉल से कम अम्लीय होती हैं।

(ii) प्राथमिक ऐमीनों के N-परमाणुओं पर दो हाइड्रोजन परमाणुओं की उपस्थिति के कारण ये विस्तीर्ण अन्तराअणुक हाइड्रोजन आबन्ध दर्शाती हैं, जबकि तृतीयक ऐमीन में नाइट्रोजन पर हाइड्रोजन अणुओं के अभाव के कारण अन्तराआण्विक संघटन नहीं होता। इसलिए प्राथमिक ऐमीनों का क्वथनांक तृतीयक ऐमीनों से अधिक होता है।
उदाहरणार्थ :
n-
ब्यूटिलऐमीन का क्वथनांक (351 K) तृतीयक ब्यूटिलऐमीन (क्वथनांक 319 K) से अधिक होता है।

(iii) ऐरोमैटिक ऐमीनों की तुलना में ऐलिफेटिक ऐमीन प्रबल क्षारक होते हैं क्योंकि
(
) ऐरोमैटिक ऐमीनों में अनुनाद के कारण नाइट्रोजन परमाणु का एकाकी इलेक्ट्रॉन-युग्म बेन्जीन वलय पर विस्थानीकृत हो जाता है, इसलिए यह प्रोटॉनीकरण के लिए सरलतापूर्वक उपलब्ध हो जाता है।
(
) ऐरिल ऐमीन आयनों को स्थायित्व संगत ऐरिल ऐमीनों की तुलना में कम होता है अर्थात् ऐरोमैटिक ऐमीनों का प्रोटॉनीकरण उपयुक्त नहीं होता है।

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