The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 1 : -
प्राथमिक ऐल्कोहॉल : (i), (ii), (iii)द्वितीयक ऐल्कोहॉल : (iv), (v)तृतीयक ऐल्कोहॉल : (vi)
Answer - 2 : -
(ii) तथा (vi)।
Answer - 3 : -
(i) 3-क्लोरोमेथिल-2-आइसोप्रोपिलपेण्टेन-1-ऑल(ii) 2,5-डाइमेथिलहेक्सेन -1,3-डाइऑल(iii) 3-ब्रोमोसाइक्लोहेक्सेनॉल(iv) हेक्स-1-ईन-3-ऑल(v) 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूट-2-ईन-1-ऑल
Answer - 4 : -
Answer - 5 : -
Answer - 6 : - (a) HCl-ZnClz (ल्यूकास अभिकर्मक) के साथ
Answer - 7 : - (i) 1-मेथिलसाइक्लोहेक्सेनॉल का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन दो उत्पाद, I तथा II दे सकता है। चूँकि उत्पाद (I) अधिक उच्च प्रतिस्थापित है, इसलिए सेटजेफ नियम के अनुसार यह मुख्य उत्पाद है।
Answer - 8 : -
प्रतिस्थापित फीनॉलों में इलेक्ट्रॉन निष्कासक समूह (electron withdrawing group) जैसे नाइट्रो समूह; फीनॉल की अम्लीय सामर्थ्य को बढ़ा देते हैं। जब ऐसे समूह ऑर्थों एवं पैरा स्थितियों पर उपस्थित होते हैं तो यह प्रभाव अधिक प्रबल हो जाता है। इसका कारण फोनॉक्साइड आयन के ऋणायन का प्रभावी विस्थानने (delocalisation) है। अत: फीनॉल की तुलना में 0-तथा p-नाइट्रोफीनॉल अधिक अम्लीय होते हैं।
Answer - 9 : - 1. राइमर-टीमैन अभिक्रिया (Reimer-TeimannReaction) – फीनॉल की सोडियम हाइड्रॉक्साइड की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म के साथ अभिक्रिया से बेन्जीन में,—CHO समूह ऑर्थो स्थिति पर प्रवेश कर जाता है। इस अभिक्रिया को राइमर-टीमैन अभिक्रिया कहते हैं।प्रतिस्थापित मध्यवर्ती बेन्जिल क्लोराइड क्षार की उपस्थिति में अपघटित होकर सैलिसिलैल्डिहाइड बनाता है।
Answer - 10 : -