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Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन (Haloalkanes and Haloarenes) Solutions

Question - 11 : -

निम्नलिखित हैलाइडों के नाम आई०यू०पी०ए०सी०(IUPAC) पद्धति से लिखिए तथा उनका वर्गीकरण, ऐल्किल, ऐलिलिक, बेन्जिलिक (प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक), वाइनिल अंथवा ऐरिल हैलाइड के रूप में कीजिए

  1. (CH3)2CHCH(Cl)CH3
  2. CH3CH2CH(CH3)CH(C2H5)Cl
  3. CH3CH2C(CH3)2CH2I
  4. (CH3)3 CCH2CH(Br)C6H5
  5. CH3CH(CH3)CH(Br)CH3
  6. CH3C(C2H5)2CH2Br
  7. CH3C(Cl)(C2H5)CH2CH3
  8. CH3CH = C(Cl)CH2CH(CH3)2
  9. CH3CH = CHC(Br)(CH3)2
  10. p-ClC6H4CH2CH(CH3)2
  11. m-ClCH2C6H4CH2C(CH3)3
  12. o-Br-C6H4CH(CH3)CH2CH3

Answer - 11 : -

  1. 2-क्लोरो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  2. 3-क्लोरो-4 मेथिलहेक्सेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  3. 1-आयोडो-2,2-डाइमेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाईड
  4. 1-ब्रोमो-3, 3-डाइमेथिल-1- फेनिलब्यूटेन, 2° बेन्जिलिक हैलाइड
  5. 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  6. 1-ब्रोमो-2-एथिल-2-मेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाइड
  7. 3-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन, 3° ऐल्किल हैलाइड
  8. 3-क्लोरो-5-मेथिलहेक्स-2-ईन, वाइनिलिक हैलाइड
  9. 4-ब्रोमो-4-मेथिलपेन्ट-2-ईन, ऐलीलिक हैलाइड
  10. 1-क्लोरो-4-(2-मेथिलप्रोपिल)- बेंजीन, ऐरिल हैलाइड
  11. 1-क्लोरोमेथिल-3-(2, 2-डाइमेथिलप्रोपिल) बेंजीन, 1° बेंजाइलिक हैलाइड
  12. 1-ब्रोमो-2-(1-मेथिलप्रोपिल) बेंजीन, ऐरिल हैलाइड

Question - 12 : -

निम्नलिखित हैलाइडों के नाम आई०यू०पी०ए०सी०(IUPAC) पद्धति से लिखिए तथा उनका वर्गीकरण, ऐल्किल, ऐलिलिक, बेन्जिलिक (प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक), वाइनिल अंथवा ऐरिल हैलाइड के रूप में कीजिए

  1. (CH3)2CHCH(Cl)CH3
  2. CH3CH2CH(CH3)CH(C2H5)Cl
  3. CH3CH2C(CH3)2CH2I
  4. (CH3)3 CCH2CH(Br)C6H5
  5. CH3CH(CH3)CH(Br)CH3
  6. CH3C(C2H5)2CH2Br
  7. CH3C(Cl)(C2H5)CH2CH3
  8. CH3CH = C(Cl)CH2CH(CH3)2
  9. CH3CH = CHC(Br)(CH3)2
  10. p-ClC6H4CH2CH(CH3)2
  11. m-ClCH2C6H4CH2C(CH3)3
  12. o-Br-C6H4CH(CH3)CH2CH3

Answer - 12 : -

  1. 2-क्लोरो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  2. 3-क्लोरो-4 मेथिलहेक्सेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  3. 1-आयोडो-2,2-डाइमेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाईड
  4. 1-ब्रोमो-3, 3-डाइमेथिल-1- फेनिलब्यूटेन, 2° बेन्जिलिक हैलाइड
  5. 2-ब्रोमो-3-मेथिलब्यूटेन, 2° ऐल्किल हैलाइड
  6. 1-ब्रोमो-2-एथिल-2-मेथिलब्यूटेन, 1° ऐल्किल हैलाइड
  7. 3-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन, 3° ऐल्किल हैलाइड
  8. 3-क्लोरो-5-मेथिलहेक्स-2-ईन, वाइनिलिक हैलाइड
  9. 4-ब्रोमो-4-मेथिलपेन्ट-2-ईन, ऐलीलिक हैलाइड
  10. 1-क्लोरो-4-(2-मेथिलप्रोपिल)- बेंजीन, ऐरिल हैलाइड
  11. 1-क्लोरोमेथिल-3-(2, 2-डाइमेथिलप्रोपिल) बेंजीन, 1° बेंजाइलिक हैलाइड
  12. 1-ब्रोमो-2-(1-मेथिलप्रोपिल) बेंजीन, ऐरिल हैलाइड

Question - 13 : -

निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम दीजिए

  1. CH3CH(Cl)CH(Br)CH3
  2. CHF2CBrClF
  3. ClCH2C ≡ CCH2Br
  4. (CCl3)3CCl
  5. CH3C(p- ClC6H4)2CH(Br)CH3
  6. (CH3)3CCH = ClC6HI-P

Answer - 13 : -

  1. 2-ब्रोमो-3-क्लोरोब्यूटेन
  2. 1-ब्रोमो-1-क्लोरो-1, 2, 2-ट्राइफ्लोरोएथेन
  3. 1-ब्रोमो-4-क्लोरोब्यूट-2-आइन
  4. 2-(ट्राइक्लोरोमेथिल) -1,1,1, 2, 3, 3, 3,-हैप्टाक्लोरोप्रोपेन
  5. 2-ब्रोमो-3,3-बिस (4-क्लोरोफेनिल)ब्यूटेन
  6. 1-क्लोरो-1-(4-आयोडोफेनिल)-3, 3-डाइमेथिलब्यूट- 1-ईन

Question - 14 : - निम्नलिखित कार्बनिक हैलोजेन यौगिकों की संरचना दीजिए
(i) 2-
क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन
(ii) p-
ब्रोमोक्लोरो बेन्जीन
(iii) 1-
क्लोरो-4-एथिलसाइक्लोहेक्सेन
(iv) 2-(2-
क्लोरोफेनिल)-1-आयोडोऑक्टेन
(v) 2-
ब्रोमोब्यूटेन
(vi) 4-
तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयोडोहेप्टेन
(vii) 1-
ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिल बेन्जीन
viii) 1,4-
डाइब्रोमोब्यूट-2-ईन।

Answer - 14 : -


Question - 15 : -

निम्नलिखित में से किसका द्विध्रुव आघूर्ण सर्वाधिक होगा?

  1. CH2Cl2
  2. CHCl3
  3. CCl4

Answer - 15 : - CH2Cl2 का द्विध्रुव आघूर्ण सर्वाधिक है। इसका कारण यह है कि इसमें दोनों C-Cl आबन्ध आघूर्गों का परिणामी तथा दोनों C-H आबन्ध आघूर्गों के परिणामी एक ही दिशा में कार्य करते हैं।
CHCl3 
में दोनों C – Cl आबन्ध आघूर्गों का परिणामी तीसरे C – Cl आबन्ध आघूर्ण के विपरीत दिशा में कार्य करता है।
CCl4 
की आकृति सममित होने के कारण इसका द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है।

Question - 16 : - एक हाइड्रोकार्बन C5H10 अँधेरे में क्लोरीन के साथ अभिक्रिया नहीं करता, परन्तु सूर्य के तीव्र प्रकाश में केवल एक मोनोक्लोरो यौगिक C5H9Clदेता है। हाइड्रोकार्बन की संरचना क्या है?

Answer - 16 : - हाइड्रोकार्बन C5H10 या तो एक ऐल्कीन है अथवा साइक्लोऐल्केन। चूँकि यह क्लोरीन से अन्धेरे में क्रिया नहीं करता है, अतएव यह ऐल्कीन नहीं हो सकता। इस प्रकार इसे एक साइक्लोऐल्केन होना चाहिए।
साइक्लोऐल्केन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में Cl2 से अभिक्रिया करके मोनोक्लोरो यौगिक, C5H9Clदेता है। इसलिए साइक्लोऐल्केन के सभी 10 H-परमाणु तुल्य होंगे। अत: साइक्लोऐल्केन साइक्लोपेन्टेन (cyclopentane) है। सूर्य के प्रकाश में साइक्लोपेन्टेन निम्न प्रकार से क्लोरीन से क्रिया कर एक मोनोक्लोरो यौगिक C5H9Clदेता है

इस प्रकार C5H10 साइक्लोपेन्टेन है।

Question - 17 : - C4H9Br सूत्र वाले यौगिक के सभी समावयवी लिखिए।

Answer - 17 : - C4H9Br एक संतृप्त यौगिक है, क्योंकि इसका पितृ हाइड्रोकार्बन C4H10 है। इसके समावयवी निम्न हैं

Question - 18 : -
निम्नलिखित से 1-आयोडोब्यूटेन प्राप्त करने की समीकरण दीजिए –
(i) 1-ब्यूटेनॉल
(ii) 1-क्लोरोब्यूटेन
(iii) ब्यूट-1-ईन।

Answer - 18 : -


Question - 19 : - उभयदन्ती नाभिकरागी क्या होते हैं? एक उदाहरण की सहायता से समझाइए। 

Answer - 19 : - जो नाभिकरागी अभिकर्मक किसी इलेक्ट्रॉन न्यून केन्द्र पर अपने दो भिन्न परमाणुओं के माध्यम से आक्रमण करने में सक्षम होते हैं, उन्हें उभयदन्ती नाभिकरागी कहा जाता है; जैसे- सायनाइड आयन एक उभयदन्ती नाभिकरागी है, क्योंकि यह निम्न दो अनुनाद संरचनाओं का एक संकर है और C तथा N, दोनों परमाणुओं के माध्यम से इलेक्ट्रॉन न्यून केन्द्र पर आक्रमण करने में सक्षम है।

Question - 20 : -

निम्नलिखित प्रत्येक युग्मों में से कौन-सा यौगिक OH के साथ SN 2 अभिक्रिया में अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करेगा?

  1. CH2Br अथवा CH3I
  2. (CH3)3 CCl अथवा CH3Cl

Answer - 20 : -

  1. CH3I अधिक तेजी से क्रिया करेगा, क्योंकि Br की अपेक्षा I आसानी से यौगिक को छोड़ देगा।
  2. कम त्रिविम बाधा (steric hindrance) प्रदर्शित करने के कारण CH3Cl,SN 2अभिक्रिया में तेजी से क्रिया करेगा।

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