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Chapter 13 नाभिक (Nuclei) Solutions

Question - 21 : - समीकरण R=R0A1/3 के आधार पर, दर्शाइए कि नाभिकीय द्रव्य को घनत्व लगभग अचर है (अर्थात् A पर निर्भर नहीं करता है) यहाँ R0 एक नियतांक है एवं A नाभिक की द्रव्यमान संख्या है।

Answer - 21 : -   नाभिक की द्रव्यमान संख्या = A
नाभिक का द्रव्यमान m = Au
= A x 1.66 x 10-27kg

 यह घनत्व नाभिक की द्रव्यमान संख्या A से मुक्त है; अत: हम कह सकते हैं कि नाभिकीय द्रव्य का , घनत्व लगभग अचर है।।

Question - 22 : - किसी नाभिक से β+ (पॉजिट्रॉन) उत्सर्जन की एक अन्य प्रतियोगी प्रक्रिया है जिसे इलेक्ट्रॉन परिग्रहण (Capture) कहते हैं (इसमें परमाणु की आन्तरिक कक्षा, जैसे कि K-कक्षा, से नाभिक एक इलेक्ट्रॉन परिगृहीत कर लेता है और एक न्यूट्रिनो, ν उत्सर्जित करता है)
दर्शाइए कि यदि β+ उत्सर्जन ऊर्जा विचार से अनुमत है तो इलेक्ट्रॉन परिग्रहण भी आवश्यक रूप से अनुमत है, परन्तु इसका विलोम अनुमत नहीं है।

Answer - 22 : - पॉजिट्टॉन उत्सर्जन की अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है

समीकरण (3) (4) से स्पष्ट है। यदि पॉजिट्रॉन उत्सर्जन [अभिक्रिया (1)] ऊर्जा दृष्टि से अनुमत है तो इस अभिक्रिया का Q-मान अर्थात्
Q1 
धनात्मक होगी।
अर्थात्   Q1 > 0
Q2 > Q1 
अतः Q1 >0  Q1 > 0
अर्थात् तब अभिक्रिया (2) का -मान भी धनात्मक होगा अर्थात् ऊर्जा दृष्टि से इलेक्ट्रॉन परिग्रहण भी अनुमत है।
अब इस अभिक्रिया के विलोम पर विचार कीजिए,
स्पष्ट है कि इस अभिक्रिया का Q-मान – Q2 के बराबर होगा।
Q2> 0; अतः Q3 =-Q2 < 0
  इस अभिक्रिया का 2-मान ऋणात्मक है; अतः यह अभिक्रिया ऊर्जा दृष्टि से अनुमत नहीं है।

Question - 23 : - आवर्त सारणी में मैग्नीशियम का औसत परमाणु द्रव्यमान 24.312u दिया गया है। यह औसत मान, पृथ्वी पर इसके समस्थानिकों की सापेक्ष बहुलता के आधार पर दिया गया है। मैग्नीशियम के तीनों समस्थानिक तथा उनके द्रव्यमान इस प्रकार हैं
(28.98504u), (24.98584)
एवं (25.98259u) प्रकृति में प्राप्त मैग्नीशियम में की (द्रव्यमान के अनुसार) बहुलता 78.99% है। अन्य दोनों समस्थानिकों की बहुलता का परिकलन कीजिए।

Answer - 23 : - दिया है, मैग्नीशियम का औसत परमाणु द्रव्यमान = 24.312u
समस्थानिक की बहुलता = 78.99%
माना समस्थानिक की बहुलता a% है।
समस्थानिक की बहुलता = 100 – 78.99- a
= (21.01 – a) %

Question - 24 : - न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा (Separation energy), परिभाषा के अनुसार वह ऊर्जा है, जो किसी नाभिक से एक न्यूट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक होती है। नीचे दिए गए  आँकड़ों का इस्तेमाल करके एवं नाभिकों की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा ज्ञात कीजिए।


Answer - 24 : -   की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा
न्यूट्रॉन पृथक्करण अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है

Qका मान ऋणात्मक है अर्थात् उक्त अभिक्रिया ऊष्माशोषी है।
न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा 8.36 MeV है।

(ii) 
  की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा
की न्यूट्रॉन पृथक्करण समीकरण निम्नलिखित है

Q का मान ऋणात्मक है; अत: उक्त अभिक्रिया ऊष्माशोषी है।
  की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा 13.06 MeV है।

Question - 25 : - किसी स्रोत में फॉस्फोरस के दो रेडियो न्यूक्लाइड निहित हैं (T1/2 =14.3d) एवं (1/2 =25.3d) प्रारम्भ में से 10% क्षय प्राप्त होता है। इससे 90% क्षय प्राप्त करने के लिए कितने समय प्रतीक्षा करनी होगी?

Answer - 25 : -

माना प्रारम्भ में तथा को रेडियोऐक्टिवताएँ R01  R02 हैं तथा समय पश्चात् इनकी रेडियोऐक्टिवताएँ R R2 हैं।

तब प्रारम्भ में, पदार्थ की कुल सक्रियता = R01 + R02

Question - 26 : - कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में एक नाभिक, α -कण से अधिक द्रव्यमान वाला एक कण उत्सर्जित करके क्षयित होता है। निम्नलिखित क्षय-प्रक्रियाओं पर विचार कीजिए

इन दोनों क्षय प्रक्रियाओं के लिएQ-मान की गणना कीजिए और दर्शाइए कि दोनों प्रक्रियाएँ ऊर्जा की दृष्टि से सम्भव हैं।

Answer - 26 : - दी गई समीकरण निम्नलिखित है

Question - 27 : - तीव्र न्यूट्रॉनों द्वारा के विखण्डन पर विचार कीजिए। किसी विखण्डन प्रक्रिया में प्राथमिक अंशों (Primary fragments) के बीटा-क्षय के पश्चात कोई न्यूट्रॉन उत्सर्जित नहीं होता तथा तथा अन्तिम उत्पाद प्राप्त होते हैं। विखण्डन प्रक्रिया के लिए के मान का परिकलन कीजिए। आवश्यक आँकड़े इस प्रकार हैं

Answer - 27 : -


Question - 28 : - D.T अभिक्रिया (ड्यूटीरियम-ट्राइटियम संलयन), → + n पर विचार कीजिए।
(a)
नीचे दिए गए आँकड़ों के आधार पर अभिक्रिया में विमुक्त ऊर्जा का मान Mev में ज्ञात कीजिए।

(b)
इयूटीरियम एवं ट्राइटियम दोनों की त्रिज्या लगभग 1.5 fm मान लीजिए। इस अभिक्रिया में, दोनों नाभिकों के मध्य कूलॉम प्रतिकर्षण से पार पाने के लिए कितनी गतिज ऊर्जा की आवश्यकता है? अभिक्रिया प्रारम्भ करने के लिए गैसों (0 तथा 1 गैसें) को किस ताप तक ऊष्मित किया जाना चाहिए?
(
संकेत : किसी संलयन क्रिया के लिए आवश्यक गतिज ऊर्जा = संलयन क्रिया में संलग्न कणों की औसत तापीय गतिज ऊर्जा = 2 (3KT/2); K:  बोल्ट्ज़मान नियतांक तथा T = परम ताप)

Answer - 28 : - (a) दी गई अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है

Question - 29 : - नीचे दी गई क्षय-योजना में, γ-क्षयों की विकिरण आवृत्तियाँ एवं β-कणों की अधिकतम गतिज ऊर्जाएँ ज्ञात कीजिए। दिया है:

Answer - 29 : - चित्र से, E1 = की निम्नतम ऊर्जा स्तर में ऊर्जा = 0 MeV
E2 = 
की प्रथम उत्तेजित अवस्था में ऊर्जा = 0.412 MeV
E3 = 
की द्वितीय उत्तेजित अवस्था में ऊर्जा = 1.088 MeV
माना उत्सर्जित γ फोटॉनों12  γ3) की आवृत्तियाँ क्रमशः ν12  ν3 हैं।

जबकि इन फोटॉनों की ऊर्जाएँ निम्नलिखित हैं
E (γ1) = E3 – E1 = 1.088 MeV
E (γ2)= E2– E1 = 0.412 Mev
E (γ3) = E3 – E2 = 1.088- 0.412 =0.676 MeV
के β1-क्षय में Au नाभिक पहले एक β कण उत्सर्जित करता है तत्पश्चात् γ1-फोटॉन को उत्सर्जित करके  
नाभिक में बदल जाता है; अतः
के β1-क्षय का समीकरण निम्नलिखित है
यहाँE(β1) तथा E(γ1) इन कणों की ऊर्जाएँ हैं। स्पष्ट है कि E(β1)का मान अधिकतम होगा यदि की गतिज ऊर्जा शून्य हो। अर्थात् अभिक्रिया की सम्पूर्ण ऊर्जा केवल β-कण तथा γ-कोटॉन की ऊर्जा के रूप में निकलें।।
  β -कण की महत्तम गतिज ऊर्जा
के β2क्षय में Au नांभिक पहले β-कण उत्सर्जित करता है तत्पश्चात् γ2 फोटॉन उत्सर्जित करता हुआ नाभिक में बदल जाता है।
इसे क्षय का समक्रण निम्नलिखित है


Question - 30 : - सूर्य के अभ्यंतर में (a) 1kg हाइड्रोजन के संलयन के समय विमुक्त ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (b) विखण्डन रिएक्टर में 1.0 kg के विखण्डन में विमुक्त ऊर्जा का परिकलेन कीजिए। (c) प्रश्न के खण्ड (a) तथा (b) में विमुक्त ऊर्जाओं की तुलना कीजिए।

Answer - 30 : - (a) सूर्य के अभ्यन्तर में हाइड्रोजन के 4 परमाणु निम्नलिखित अभिक्रिया के अनुसार संलयित होकर हीलियम परमाणु का निर्माण करते हैं तथा लगभग 26 Mev ऊर्जा उत्पन्न होती है।

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