Chapter 13 नाभिक (Nuclei) Solutions
Question - 1 : - (a) लीथियम के दो स्थायी समस्थानिकों को एवं की बहुलता का प्रतिशत
क्रमशः 7.5 एवं 92.5 हैं। इन समस्थानिकों के द्रव्यमान क्रमशः 6.01512 u एवं 7,01600u हैं। लीथियम का परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। ।
(b) बोरॉन के दो स्थायी, समस्थानिक एवं हैं। उनके द्रव्यमान क्रमशः 10.01294u एवं 11.00931u एवं बोरॉन का परमाणु भार 10.811u है। एवं की बहुलता ज्ञात कीजिए।
Answer - 1 : - (a) माना लीथियम के किसी नमूने में 100 परमाणु लिए गए हैं, तब इनमें 7.5 परमाणु के तथा 92.5 परमाणु के होंगे।
∴ 100 परमाणुओं का द्रव्यमान = (7.5 x 6.01512+ 92.5 x7.01600) u
= (45,1134 + 648.98) u= 694.0934u
= = 6.940934u
≈ 6.94lu
(b) माना बोरॉन के दो समस्थानिकों की बहुलता क्रमश: x% तथा y% है, तब
x + y = 100 …….(1)
यदि बोरॉन के 100 परमाणु लिए जाएँ तो इनमें x परमाणु के तथा y परमाणु के होंगे।
∴ बोरॉन का परमाणु द्रव्यमान
या10.811 x 100 = 10.01294 x + 11.00931 (100 – x) [∵ x + y = 100
⇒ 1081.1- 1100.931 =10.012943x – 11.00931x
⇒ – 19.831 = – 0.99637x
∴ x = =19.9 ∴ y = 100- x = 100 –19.9 = 80.1
अत: बोरॉन में तथा समस्थानिकों की बहुलता प्रतिशत क्रमश: 19.9 तथा 80.1 हैं।
Question - 2 : - नियॉन के तीन स्थायी समस्थानिकों की बहुलता क्रमशः 90.51%, 0.27% एवं 9.22% है। इन समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान क्रमशः 19.99u 20.99u एवं 21.99u हैं। नियॉन का औसत परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
Answer - 2 : - यदि नियॉन के 100 परमाणु लिए जाएँ तो उनमें नियॉन के तीन समस्थानिकों के क्रमश: 90. परमाणु, 0.27 परमाणु तथा 9.22 परमाणु होंगे।
∴ नियॉन का औसत परमाणु द्रव्यमान
=
=
=
Question - 3 : - नाइट्रोजन नाभिक () की बन्धन-ऊर्जा MeV में ज्ञात कीजिए। mN =14.00307u mH = 1.00783u, mn = 1.00867u]
Answer - 3 : -
में प्रोटॉन = Z = 7 तथा न्यूट्रॉन
= (A – Z) = (14 – 7) = 7
न्यूक्लिऑनों का कुल द्रव्यमान = 7 x mH + 7 x mn
= (7 x 1.00783 +7 x 1.00867) u
= 14.1155 u
∴ द्रव्यमान क्षति
Δm = न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान – नाभिक का द्रव्यमान
= 14.11550 u – 14.00307 u = 0.11243 u
अतः बन्धन ऊर्जा EB = Δm के तुल्य ऊर्जा
= 0.11243 x 931 MeV
= 104.67 MeV (∵1u = 931 Mev)
Question - 4 : - निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर एवं नाभिकों की बन्धन-ऊर्जा MeV
में ज्ञात कीजिए। m() =55.934939u, m () =208:980388u
Answer - 4 : -
दिया है, प्रोटॉन का द्रव्यमान mH =1.007825u
न्यूट्रॉन का द्रव्यमान mn= 1.008665u
(i) नाभिक का द्रव्यमान mFe= =55.934939u
इस नाभिक में 26 प्रोटॉन तथा (56 – 26) = 30 न्यूट्रॉन हैं।
∴ न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान = 26 mH +30mn
= 26 x 1.007825 + 30 x 1.008665
= 26.20345 + 30.25995 = 56.4634u
∴ द्रव्यमान क्षति Δm = न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान – नाभिक का द्रव्यमान
= 56.4634 – 55.934939 = 0.528461u
∴ नाभिक की बन्धन-ऊर्जा = Δm x 931 = 0.528461 x931.5 MeV
= 492.26 MeV
∴ बन्धन-ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन = = 8.79 MeV/ न्यूक्लिऑन
(ii) नाभिक का द्रव्यमान mBi=208.980388u इस नाभिक में 83 प्रोटॉन तथा 126 न्यूट्रॉन हैं।
∴ न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान = 83mH +126mn
= 83 x 1.007825 + 126 x 1.008665
= 83.649475+ 127.091790
= 210.741260 u
∴ नाभिक की द्रव्यमान-क्षति Δm = 210.741260 –208.980388
= 1.760872u
∴ नाभिक की बन्धन ऊर्जा = Δm x 931.5 MeV
= 1.760872 x 931.5
= 1640.26 MeV
∴ बन्धन-ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन = = 7.85 MeV/ न्यूक्लिऑन
Question - 5 : - एक दिए गए सिक्के का द्रव्यमान 3.0 g है। उस ऊर्जा की गणना कीजिए जो इस सिक्के के सभी न्यूट्रॉनों एव प्रोटॉनों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए आवश्यक हो। सरलता के | लिए मान लीजिए कि सिक्का पूर्णतः परमाणुओं का बना है। (का द्रव्यमान = 82,92960u)।
Answer - 5 : - में प्रोटॉन (Z) = 29, न्यूट्रॉन = 63 – 29= 34
∴ न्यूक्लिऑनों का कुल द्रव्यमान
= 29 प्रोटॉनों का द्रव्यमान + 34 न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान
= (29 x 1.00783+ 34 x 1.00867) u = 63.52185 u
∴ द्रव्यमान क्षति Δm = न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान – नाभिक का द्रव्यमान
= 63.52185 u – 62.92960 u = 0.59225 u
∴ नाभिक की बन्धन ऊर्जा
EB = 0.53225 x 931 MeV = 551.385 MeV
m = 3.0 ग्राम में परमाणुओं (नाभिकों) की संख्या
= x आवोगाद्रो संख्या
= x 6.02 x 1023 = 2.86 x 1022
∴ सिक्के के सभी न्यूट्रॉनों तथा प्रोटॉनों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा
= 2.86 x 1022 x EB
= 2.86 x 1022 x 551.385 MeV
= 1.6 x 1025 MeV
Question - 6 : - निम्नलिखित के लिए नाभिकीय समीकरण लिखिए
(i) का α- क्षय
(ii) का α- क्षय
(iii) P का β– – क्षय
(iv) का β– -क्षय
(v) का β+ -क्षय
(vi) Tc का β+ -क्षय
(vii) 120Xe का इलेक्ट्रॉन अभिग्रहण
Answer - 6 : -
Question - 7 : - एक रेडियोऐक्टिव समस्थानिक की अर्धायु T वर्ष है। कितने समय के बाद इसकी ऐक्टिवता, प्रारम्भिक ऐक्टिवता की (a) 3.125%, तथा (b) 1% रह जाएगी।
Answer - 7 : - (a) माना समस्थानिक की प्रारम्भिक रेडियोऐक्टिवता = R0
माना समयान्तराल n अद्धयुकालों के पश्चात् शेष रेडियोऐक्टिवता = R
प्रश्नानुसार, R =R0 का 3.125%
Question - 8 : - जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए 15 क्षय प्रति मिनट है। यह ऐक्टिवता, स्थायी समस्थानिक के साथ-साथ अल्प मात्रा में विद्यमान रेडियोऐक्टिव के कारण होती है। जीव की मृत्यु होने पर वायुमण्डल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया (जो उपर्युक्त सन्तुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है) समाप्त हो जाती है तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है।की ज्ञात अर्धायु (5730 वर्ष) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निकट आयु की गणना की जा सकती है। यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली कालनिर्धारण (dating) पद्धति का सिद्धान्त है। यह मानकर कि मोहनजोदड़ो से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता 9 क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है। सिन्धु घाटी सभ्यता की सन्निकट आयु का आकलन कीजिए।
Answer - 8 : - दिया है, R0 = 15 क्षय प्रति मिनट
R = 9 क्षय प्रति मिनट, T1/2 = 5730 वर्ष
सूत्र R= R0e-λt से, 9 = 15e-λt
Question - 9 : - 8.0 mCi सक्रियता का रेडियोऐक्टिव स्रोत प्राप्त करने के लिए की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी? की अर्धायु 5.3 वर्ष है।
Answer - 9 : - दिया है, सक्रियता R = 80 mCi= 80 x 10-3 x3.7 x 1010 विघटन s-1
= 29.6 x 107 विघटन s-1
T1/2 = 5.3 वर्ष (∵ 1 क्यूरी = 3.7 x 1010 विघटन s-1)
= 5.3 x 365 x 24 x 60 x 60s
Question - 10 : - की अर्धायु 28 वर्ष है। इस समस्थानिक के 15 mg की विघटन दर क्या है?
Answer - 10 : - दिया है, पदार्थ का द्रव्यमान = 15 x 10-3
तथा T1/2 =28 वर्ष = 28 x 365 x 24 x 60 x 60s = 88.3 x 107s