Chapter 13 महासागरीय जल (Water (Oceans)) Solutions
Question - 11 : - समुद्री जल की लवणता क्या है?
Answer - 11 : - महासागरीय जल के खारेपन अथवा उसमें स्थित लवण की मात्रा को ही महासागरीय लवणता कहते हैं। महासागरीय जल की औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार अर्थात् 1000 ग्राम समुद्री जल में 35 ग्राम लवण पाया जाता है।
Question - 12 : - जलीय चक्र के विभिन्न तत्त्व किस प्रकार अन्तर-सम्बन्धित है?
Answer - 12 : -
जल एक चक्र के रूप में महासागर से धरातल पर और धरातल से महासागर तक चलने वाली पक्रिया है। यह चक्र पृथ्वी पर, पृथ्वी के नीचे तथा ऊपर वायुमण्डल में जल के संचलन की व्यवस्था करता है। पृथ्वी पर जलचक्र करोड़ों वर्षों से कार्यरत है और आगे भी पृथ्वी पर जब तक जीवन है, यह चक्र सक्रिय रहेगा। सभी प्रकार के जीव इसी जलचक्र पर निर्भर हैं। जलचक्र से सम्बन्धित तत्त्व, जो परस्पर अन्तर-सम्बन्धित पक्रिया में जलचक्र को सक्रिय रखते हैं, निम्नलिखित हैं-
1. वाष्पीकरण-वाष्पीकरण जलचक्र का सबसे महत्त्वपूर्ण घटक है। महासागर से वायुमण्डल का परिसंचलन इसी प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न होता है। इस प्रक्रिया में सौर ताप से जल गर्म होकर वाष्प के रूप में वायुमण्डल में जाता है।
2. संघनन-जल के गैसीय अवस्था से द्रवीय अवस्था में परिवर्तन को संघनन कहते हैं। जलचक्र में संघनन का कार्य वायुमण्डल में सम्पन्न होता है। इसी प्रक्रिया में महासागर का जल वायुमण्डल से धरातल पर पहुँचता है।
3. अवक्षेपण-इस प्रक्रिया में वायुमण्डले की जलवाष्प जल-बूंदों में जलवृष्टि के रूप में पृथ्वी पर आती है।
इस प्रकार वाष्पीकरण, संघनन एवं अवक्षेपण तत्त्वों द्वारा जलचक्र की प्रक्रिया सतत् चलती रहती है। (चित्र 13.1)।
Question - 13 : - महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों को परीक्षण कीजिए।
Answer - 13 : -
महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. अक्षांश-ध्रुवों की ओर सौर विकिरण की मात्रा घटने के कारण महासागरों के सतही जल का तापमान विषुवत् वृत्त से ध्रुवों की ओर घटता जाता है।
2. स्थल तथा जल का असमान वितरण-उत्तरी गोलार्द्ध के महासागर दक्षिणी गोलार्द्ध के महासागरों की अपेक्षा स्थल के बहुत बड़े भाग से सम्बद्ध हैं। इसलिए उत्तरी गोलार्द्ध दक्षिणी | गोलार्द्ध की अपेक्षा अधिक ऊष्मा ग्रहण करता है।
3. प्रचलित हवाएँ-स्थलों की ओर से महासागरों की ओर चलने वाली हवाएँ समुद्री सतह के गर्म जल को तट से दूर धकेल देती हैं जिसके परिणामस्वरूप नीचे का ठण्डा जल ऊपर की ओर आ
जाता है। परिणामस्वरूप इस प्रक्रिया से समुद्र के तापमान में वृद्धि हो जाती है।
4. महासागरीय धाराएँ-गर्म समुद्री धाराएँ ठण्डे क्षेत्रों के जल का तापमान बढ़ा देती हैं, जबकि ठण्डी धाराएँ गर्म समुद्री क्षेत्रों के जल का तापमान कम कर देती हैं। उदाहरण के लिए-गल्फ-स्ट्रीम गर्म जलधारा यूरोप के पश्चिमी तट के जल का तापमान बढ़ा देती है। इसके विपरीत लेब्रेडोर की ठण्डी जलधारा उत्तरी अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी तट के तापमान को कम कर देती है।