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Chapter 8 संरचना Solutions

Question - 1 : -
आधारित संरचना की व्याख्या कीजिए।

Answer - 1 : -

आधारित संरचना से अभिप्राय उन सुविधाओं, क्रियाओं तथा सेवाओं से है जो अन्य क्षेत्रों के संचालन तथा विकास में सहायक होती हैं। ये समाज के दैनिक जीवन में भी सहायक होती हैं। इन सेवाओं में सड़क, रेल, बन्दरगाह, हवाई अड्डे, बाँध, बिजली-घर, तेल व गैस पाइप लाइन, दूरसंचार सुविधाएँ, शिक्षण संस्थान, अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था, सफाई, पेयजल और बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाएँ तथा मुद्रा प्रणाली सम्मिलित हैं।

Question - 2 : -
आधारित संरचना को विभाजित करने वाले दो वर्गों की व्याख्या कीजिए। दोनों एक-दूसरे पर कैसे निर्भर हैं?

Answer - 2 : -

आधारित संरचना निम्न दो प्रकार की होती है
1. सामाजिक आधारित संरचना- सामाजिक आधारित संरचना से अभिप्राय सामाजिक परिवर्तन जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, नर्सिंग होम; के मूल तत्त्वों से है जो किसी देश के सामाजिक विकास की प्रक्रिया के लिए आधारशिला का कार्य करते हैं। इस प्रकार की संरचना आदमी की कुशलता एवं उत्पादकता को बढ़ाती है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास मुख्य रूप से सामाजिक आधारित संरचना के भाग हैं। ये अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक क्रियाओं में सहयोग करते हैं।

2. आर्थिक आधारित संरचना– आर्थिक आधारित संरचना से अभिप्राय आर्थिक परिवर्तन के उन सभी तत्त्वों (जैसे शक्ति, परिवहन तथा संचार) से है जो आर्थिक संवृद्धि की प्रक्रिया के लिए एक आधारशिला का कार्य करते हैं। इस प्रकार की संरचना उत्पादन पर सीधा प्रभाव डालती है। शक्ति, ऊर्जा, परिवहन एवं दूरसंचार आदि को आर्थिक आधारिक संरचना में सम्मिलित किया जाता है। आर्थिक आधारिक संरचना संवृद्धि की प्रक्रिया में वृद्धि लाती है जबकि सामाजिक आधारिक संरचना मानव विकास की प्रक्रिया में वृद्धि लाती है इसीलिए आर्थिक तथा सामाजिक आधारिक संरचना एक-दूसरे की पूरक हैं। दोनों एक-दूसरे के प्रभाव को प्रबल बनाती हैं एवं सहायता प्रदान करती हैं।

Question - 3 : -
आधारिक संरचना उत्पादन का संवर्द्धन कैसे करती है?

Answer - 3 : -

आधारिक संरचना ऐसी सहयोगी प्रणाली है, जिस पर एक आधुनिक औद्योगिक अर्थव्यवस्था की कार्यकुशल प्रणाली निर्भर करती है। संरचनात्मक सुविधाएँ एक देश के आर्थिक विकास में उत्पादन के तत्त्वों की उत्पादकता में वृद्धि करके और उसकी जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके अपना योगदान करती हैं।

Question - 4 : -
किसी देश के आर्थिक विकास में आधारिक संरचना योगदान करती है। क्या आप सहमत| हैं? कारण बताइए।

Answer - 4 : -

आधारिक संरचना कसी देश के आर्थिक विकास की आधारशिला है। यह औद्योगिक व कृषि उत्पादन, घरेलू व विदेशी व्यापार तथा वाणिज्य के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोगी सेवाएँ उपलब्ध कराती है। इस संरचना से विकास के लिए उपयुक्त एवं पर्याप्त वातावरण तैयार होता है। इस संरचना की भूमिका निम्न प्रकार है

  1. संरचनात्मक सुविधाएँ एक देश के आर्थिक विकास में उत्पादन के तत्त्वों की उत्पादकता में वृद्धि करके और उसकी जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके अपना योगदान करती हैं।
  2. जलापूर्ति और सफाई में सुधार से प्रमुख जल संक्रमित बीमारियों में अस्वस्थता में कमी आती है। | और बीमारी के होने पर भी उसकी गम्भीरता कम होती है।
  3. परिवहन और संचार के साधनों से कच्चा माल व तैयार माल आसानी से एक जगह से दूसरी जगह | पहुँचाया जा सकता हैं।
  4. अर्थव्यवस्था की वित्त-प्रणाली सभी क्रियाकलापों के लिए मौद्रिक आपूर्ति करती है। मौद्रिक आपूर्ति जितनी अधिक मात्रा में सुगमता से उपलब्ध होती है, उतनी ही जल्दी आर्थिक परियोजनाएँ सफल होती हैं।
  5. किसी भी देश की औद्योगिक प्रगति बिजली उत्पादन, परिवहन व संचार के विकास पर निर्भर करती है।
  6. मानव संसाधन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

Question - 5 : -
भारत में ग्रामीण आधारिक संरचना की क्या स्थिति है?

Answer - 5 : -

भारत में ग्रामीण आधारिक संरचना की स्थिति ग्रामीण भारत आर्थिक व सामाजिक दोनों ही आधारिक संरचनाओं में बहुत पिछड़ा हुआ है। सन् 2001 की जनगणना के आँकड़े यह बताते हैं कि ग्रामीण भारत में केवल 56 प्रतिशत परिवारों के लिए ही बिजली की सुविधा है जबकि 43 प्रतिशत परिवारों में आज भी मिट्टी के तेल का प्रयोग होता है। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत परिवार खाना बनाने में जैव ईंधन का इस्तेमाल करते हैं। केवल 24 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में लोगों को नल का पानी उपलब्ध है। लगभग 76 प्रतिशत लोग पानी के खुले स्रोतों से पानी पीते हैं। गाँव में टेलीफोन घनत्व बहुत कम है। ग्रामीण साक्षरता का स्तर भी निम्न है। इस प्रकार सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्र अभी भी अविकसित हैं।

Question - 6 : -
‘ऊर्जा का महत्त्व क्या है? ऊर्जा के व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक स्रोतों में अन्तर कीजिए।

Answer - 6 : -

ऊर्जा का महत्त्व

आर्थिक आधारित संरचना का बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण संघटक ऊर्जा है। किसी राष्ट्र की विकास प्रक्रिया में ऊर्जा का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है, साथ ही यह उद्योगों के लिए भी अनिवार्य है। आज ऊर्जा का कृषि और उससे सम्बन्धित क्षेत्रों जैसे खाद, कीटनाशक और कृषि उपकरणों के उत्पादन और यातायात; में उपयोग भारी स्तर पर हो रही है। इस प्रकार प्रत्येक गतिविधि को सम्पन्न करने हेतु ऊर्जा आवश्यक है। ऊर्जा के उपभोग स्तर से सामाजिक एवं आर्थिक संवृद्धि निर्धारित होती है।

आधार

व्यावसायिक ऊर्जा

गैर-व्यावसायिक ऊर्जा

1

घटक  कोयला, बिजली, प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम पदार्थ।।

ईंधन की लकड़ी, पशु कृषि अपशिष्ट।

2

प्रयोग  मुख्यतः वाणिज्यिक औद्योगिक उद्देश्यों के लिए।

मुख्यतः घरेलू तथा उपभोग उद्देश्यों के लिए।

3

प्रकृति  वाणिज्यिक ऊर्जा वाली वस्तुओं का कीमत होती है है और इन वस्तुओं की प्राप्त हो जाती हैं।

ये सामान्यतः ग्रामवासियों को नि:शुल्क प्राप्त हो जाती हैं।

 

Question - 7 : -
विद्युत के उत्पादन के तीन बुनियादी स्रोत कौन-से हैं?

Answer - 7 : -

विद्युत के उत्पादन के तीन बुनियादी स्रोत इस प्रकार हैं

  1. तापीय विद्युत (कोयला),
  2. जलविद्युत (जल) तथा
  3. आणविक ऊर्जा (नाभिकीय विखण्डन)।

Question - 8 : -
संचारण और वितरण हानि से आप क्या समझते हैं? उन्हें कैसे कम किया जा सकता है?

Answer - 8 : -

संचारण और वितरण हानि से आशय संचारण और वित्: नि से आशय विद्युत की चोरी से है। यह हानि विद्युत के कुछ भाग में तकनीकी खराबी के कारण तथा कुछ बिजली कर्मचारियों की सहायता से होने वाली बिजली चोरी के कारण होती है। आज विद्युत संचारण एवं वितरण से होने वाले घाटे सर्वविदित हैं।।
 नियन्त्रण के उपाय संचारण और वितरण हानि को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए

  1. उत्पादक क्रियाओं के लिए बिजली की दर ऊँची कर देनी चाहिए।
  2. संचारण एवं वितरण की हानि को तकनीकी में सुधार करके कम कर देना चाहिए।
  3. वितरण का निजीकरण करके बिजली चोरी को कम किया जा सकता है।

Question - 9 : -
ऊर्जा के विभिन्न गैर-व्यावसायिक स्रोत कौन-से हैं?

Answer - 9 : -

ऊर्जा के गैर-व्यावसायिक स्रोतों में जलाऊ लकड़ी, कृषि का कूड़ा-कचरा और सूखा गोबर आते हैं। ये गैर-व्यावसायिक हैं, क्योंकि ये हमें प्रकृति/जंगलों में मिलते हैं।

Question - 10 : -
इस कथन को सही सिद्ध कीजिए कि ऊर्जा के पुनर्नवीनीकृत स्रोतों के इस्तेमाल से ऊर्जा संकट दूर किया जा सकता है?

Answer - 10 : -

पुनर्नवीनीकृत (गैर-परम्परागत) ऊर्जा संसाधन है-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि। नव्यकरणीय साधन होने के नाते, ये ऊर्जा के विश्वसनीय संसाधन हैं। यह सही है कि उनके प्रयोग से ऊर्जा संकट दूर किया जा सकता है। इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं

  1. अनव्यीकृतं साधन (परम्परागत साधन) क्षयशील हैं और कभी भी समाप्त हो सकते हैं। इसके विपरीत पुनर्नवीनीकृत साधनों को पूर्णत: कभी भी क्षय नहीं होगा; उदाहरण के लिए सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत है। जब तक ब्रह्माण्ड में सूर्य विद्यमान रहेगा, सौर ऊर्जा प्राप्त की जाती रहेगी।
  2. वैज्ञानिक तकनीक के विकास के साथ-साथ इन संसाधनों का भी विकास किया जाता रहेगा।
  3. इनको निरन्तर उपयोग किया जाना सम्भव है।
  4. ये ऊर्जा के अक्षयी संसाधन हैं। अत: इनसे अनवरत ऊर्जा की आपूर्ति होती रहेगी।
  5. ऊर्जा के ये साधन प्रदूषण नहीं फैलाते। अत: इनका मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं| पड़ता।
स्पष्ट है कि इन संसाधनों के अधिकाधिक उत्पादन एवं प्रयोग से हम ऊर्जा संकट को समाप्त कर सकते हैं। परन्तु आधुनिक तकनीक के अभाव में, इनकी पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद हम इनका व्यापक उपभोग नहीं कर पा रहे हैं। अतः ऊर्जा संकट से छुटकारा पाने के लिए इस ओर अधिकाधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

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