Question -
Answer -
पुनर्नवीनीकृत (गैर-परम्परागत) ऊर्जा संसाधन है-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि। नव्यकरणीय साधन होने के नाते, ये ऊर्जा के विश्वसनीय संसाधन हैं। यह सही है कि उनके प्रयोग से ऊर्जा संकट दूर किया जा सकता है। इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं
- अनव्यीकृतं साधन (परम्परागत साधन) क्षयशील हैं और कभी भी समाप्त हो सकते हैं। इसके विपरीत पुनर्नवीनीकृत साधनों को पूर्णत: कभी भी क्षय नहीं होगा; उदाहरण के लिए सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत है। जब तक ब्रह्माण्ड में सूर्य विद्यमान रहेगा, सौर ऊर्जा प्राप्त की जाती रहेगी।
- वैज्ञानिक तकनीक के विकास के साथ-साथ इन संसाधनों का भी विकास किया जाता रहेगा।
- इनको निरन्तर उपयोग किया जाना सम्भव है।
- ये ऊर्जा के अक्षयी संसाधन हैं। अत: इनसे अनवरत ऊर्जा की आपूर्ति होती रहेगी।
- ऊर्जा के ये साधन प्रदूषण नहीं फैलाते। अत: इनका मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं| पड़ता।
स्पष्ट है कि इन संसाधनों के अधिकाधिक उत्पादन एवं प्रयोग से हम ऊर्जा संकट को समाप्त कर सकते हैं। परन्तु आधुनिक तकनीक के अभाव में, इनकी पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद हम इनका व्यापक उपभोग नहीं कर पा रहे हैं। अतः ऊर्जा संकट से छुटकारा पाने के लिए इस ओर अधिकाधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।