Chapter 3 धातु और अधातु (Metals and Non metals) Solutions
Question - 21 : - उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
Answer - 21 : -
ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।
उदाहरण- ऐलुमीनियम ऑक्साइड (Al2O3) और जिंक ऑक्साइड (ZnO)
Question - 22 : - दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी, तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
Answer - 22 : - मैग्नीशियम (Mg) और कैल्शियम (Ca) धातुएँ तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी जबकि कॉपर (Cu) और सिल्वर (Ag) धातुएँ हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं कर पाएँगी, क्योंकि ये धातुएँ हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील हैं।
Question - 23 : - किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप एनोड, कैथोड। एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
Answer - 23 : - धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण के लिए-
Question - 24 : - प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आई लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
Answer - 24 : -
(a)
- सूखे लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- आई लिटमस पत्र पर प्रभाव पड़ता है। नीले रंग के आर्द्र लिटमस पत्र का रंग बदलकर लाल हो जाता है।
(b)
- S + O2 → So2 सल्फर डाइऑक्साइड
- SO2 + H2O → H2SO3सल्फ्यूरस अम्ल
Question - 25 : - लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
Answer - 25 : -
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके निम्न हैं
1. यशदलेपन द्वारा- इस विधि में लोहे एवं इस्पात पर जिंक की पतली परत चढ़ाई जाती है।
2. पेंटिंग द्वारा- इस विधि में लोहे की वस्तु को पेंट कर देते हैं, ताकि इसकी सतहें वायु और आर्द्रता के सीधे सम्पर्क में न रहें।
Question - 26 : - ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
Answer - 26 : -
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधिकांश अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं। कुछ अधातुएँ उदासीन ऑक्साइड भी बनाती हैं।
अम्लीय ऑक्साईड- SO2, CO2, NO2 आदि
उदासीन ऑक्साइड-H2O, CO
Question - 27 : - कारण बताइए
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है।
(C) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
Answer - 27 : -
(a) सोना (Au), चाँदी (Ag) और प्लेटिनम (Pt) का उपयोग आभूषण बनाने में इसलिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएँ वायु, आर्द्रता और अम्लों से जल्द संक्षारित नहीं होते हैं और इसकी धात्विक चमक लम्बे समय तक रहती है। साथ ही, ये धातुएँ सर्वोत्तम आघातवर्थ्य और तन्य भी हैं।
(b) क्योंकि सोडियम (Na), पोटैशियम (K) और लीथियम (Li) जैसी धातुएँ ऑक्सीजन के साथ इतनी तेजी से अभिक्रिया करती हैं कि खुले में रखने पर आग पकड़ लेती हैं। इन्हें सुरक्षित रखने तथा अचानक आग को रोकने के लिए तेल (केरोसिन तेल) के अंदर डुबोकर रखा जाता है। साथ ही, ये धातुएँ जल के साथ भी तेज़ ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया करती हैं और उत्सर्जित H2 जलने लगते हैं।
(c) क्योंकि बर्तनों के ऊपर ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) की परत बन जाती है, जो ऐलुमिनियम की सतहों को संक्षारित होने से बचाता है तथा खाद्य पदार्थ को खराब होने से बचाता है।
(d) क्योंकि किसी धातु को उसके सल्फाइड और कार्बोनेट की तुलना में उसके ऑक्साइडों से प्राप्त करना अधिक आसान होता है। इसलिए निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को.ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
Question - 28 : - आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ़ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ़ करने में क्यों प्रभावी हैं?
Answer - 28 : -
ताँबे के ऊपर आर्द्र वायु तथा CO2 के कारण कॉपर कार्बोनेट की एक हरी-सी परत बन जाती है, जो क्षारकीय प्रकृति | की होती है। इसलिए जब इसे नींबू या इमली के रस से साफ़ करते हैं, तो इसमें मौजूद अम्ल क्षारक को उदासीन कर देता है और बर्तन साफ़ हो जाता है।
कॉपर कार्बोनेट + साइट्रिक अम्ल -→ कॉपर साइट्रेट + CO2 + H2O
Question - 29 : - रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
Answer - 29 : -
Question - 30 : - एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है, जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं, लेकिन उनका वज़न अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं।
Answer - 30 : -
वह व्यक्ति जो सुनार बनकर जाता है, उसके पास ऐक्वा रेजिया (aqua regia) का विलयन है, जो 3:1 में सांद्र HCl एवं सांद्र HNO3 अम्ल का ताज़ा मिश्रण होता है। इसमें सोने को गलाने की क्षमता होती है, जिसके कारण कंगन चमकने लगते हैं, लेकिन उनका वज़न कम हो जाता है।