Chapter 15 मेघ आए Solutions
Question - 11 : - वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
Answer - 11 : -
वर्षा आने से पूर्व ही आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है। वर्षा होने पर चारों ओर उल्लास का वातावरण छा जाता है। पत्ते धुले-धुले से नज़र आने लगते हैं। बच्चे नहाने के लिए बाहर निकल आते हैं। शीतल हवा चलने चलती है। पेड़ झूम-झूमकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। बादल गरज-गरजकर नगाड़े बजाते हुए प्रतीत होते हैं। दादुर और मोर इस धुन के साथ तान मिलाने लगते हैं। वर्षा बंद होते ही लोग रंग-बिरंगे छाते लेकर निकल पड़ते हैं। बच्चे कागज़ की नाव तैराने के लिए तालाब की ओर चल पड़ते हैं।
Question - 12 : - कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
Answer - 12 : -
कवि ने पीपल को ही बुजुर्ग इसलिए माना है क्योंकि पीपल का पेड़ आकार में काफी बड़ा तथा पुराना होता है। यह गाँव के लिए साफ हवा देने के अलावा कल्याणकारी भी होता है।
Question - 13 : - कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।
Answer - 13 : -
भारतीय संस्कृति में अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है परंतु समय और परिस्थितियाँ बदलने से इस परंपरा में बहुत बदलाव आ गया है। पहले यातायात और संचार के साधन कम होने से मेहमान का प्राय; अपना नहीं हो पाता था और न एक-दूसरे से बात करने, हाल-समाचार जानने का मौका मिल पाता था। इसके अलावा तब लोगों की दिनचर्या इतनी व्यस्त न थी। लोग समय निकालकर आव-भगत करते थे। इसके अलावा बढ़ती महँगाई से भी मेहमान की आतिथ्य परंपरा प्रभावित हुई है।
Question - 14 : - कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
Answer - 14 : -
कविता में आए मुहावरे वाक्य-प्रयोग
सुधि लेना (याद करना) तुम काम में इतने डूबे रहते हो कि माँ की सुधि लेने की भी फुर्सत नहीं रह गई है।
गाँठ खुलना (मन का मैल दूर होना) तुम्हारी बातें सुनकर मेरे मन की गाँठ खुल गई।
बाँध टूटना (धैर्य समाप्त होना) देखो अपने सब्र का बाँध न टूटने दो, यही परिवार के लिए ठीक होगा।
बन-ठन के आना (सज-सँवरकर आना) शादी में मेहमान बन-उन कर आए हैं।
गरदन उचकाना (उचक कर देखना) मेहमान को देखने के लिए लड़कियाँ गरदन उचकाने लगीं।
Question - 15 : - कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
Answer - 15 : -
बन-ठन, सँवर, यार, पाहुन, उचकाए, चितवन, जुहार, सुधि, लीन्हीं, ओर, किवार, ताल, परात, अटारी, भरम।
Question - 16 : - ‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
Answer - 16 : -
‘मेघ आए’ कविता की भाषा प्रवाहमयी, चित्रात्मक, सरल और सजीव है। इसमें शब्दों की क्लिष्टता और जटिलता नहीं है। कवि ने अपनी बात को लोक भाषा में कह दिया है; जैसे-‘मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।’ कविता में आँचलिक शब्दों की बहुलता है। तत्सम शब्द बस नाम मात्र के हैं। जो हैं भी वे आम बोलचाल में प्रचलित हैं। कविता में संवाद ग्रामीणों की जुबान में ही रखे गए हैं; जैसे‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’ तथा क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।’ इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इस कविता की भाषा सरल और सहज है।