MENU

Chapter 12 कैदी और कोकिला Solutions

Question - 11 : -
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
(क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं?
(ख) तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह! देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी।

Answer - 11 : -

काव्य सौंदर्य
भाव-सौंदर्य- अंग्रेज़ों के अत्याचार और शोषण के प्रति भारतीयों के मन में विद्रोह की ज्वाला धधक उठी है। कोयल ने भारतीय जनमानस में उठने वाली दावानल को देख लिया है।
शिल्प सौंदर्य-

  1. दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार है।
  2. प्रश्न शैली का प्रयोग है।
  3. भाषा साहित्यिक खड़ी बोली है। जिसमें तत्सम शब्दों की बहुलता है।
  4. मानवीकरण अलंकार है।
(ख) भाव-सौंदर्य-काव्यांश में कोयल के स्वतंत्र जीवन और कैदी कवि के यातनापूर्ण जीवन का चित्रण है। कोयल
भारतीयों को अंग्रेजों के विरुद्ध एकजुट अपनी आज़ादी पाने के लिए युद्ध करने हेतु प्रेरित कर रही है।
शिल्प-सौंदर्य-

  1. तेरी-मेरी, वाह-गुनाह में स्वर मैत्री अलंकार है।
  2. भाषा तत्सम शब्दावलीयुक्त साहित्यिक खड़ी बोली है।
  3. ‘गुनाह’ उर्दू शब्द का सुंदर प्रयोग है।
  4. रचना छंदबद्ध है।
  5. मानवीकरण अलंकार है।

Question - 12 : -
कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है?

Answer - 12 : -

कवि ने कोयल की ही बात कही, जबकि वह अन्य पक्षियों का चहकना सुनता रहा होगा। इसका कारण यह है कि कोयल की कूक किसी ऋतु विशेष में ही अधिक सुनाई देती है जबकि अन्य पक्षी साल भर चहकते रहते हैं। कोयल आधी रात में बोलकर कुछ विशेष संदेश देने का आभास कराती है। ब्रिटिश काल में क्रांतिकारी भी छिप-छिपकर एक-दूसरे को गुप्त संदेश दुद्वारा अपनी योजनाएँ बनाया करते थे। कवि को कोयल और क्रांतिकारियों की कार्यप्रणाली में समानता दिखाई दी।

Question - 13 : -
आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा?

Answer - 13 : -

अंग्रेजों ने भारतवासियों को गुलाम बना रखा था। वे चाहते थे कि भारत पर उनका शासन चलता रहे। अपने शासन को बनाए रखने के लिए वे हर तरह के नैतिक-अनैतिक हथकंडे अपनाते थे। स्वतंत्रता की माँग करना उनकी दृष्टि में सबसे बड़ा अपराध था। वे इसे राजद्रोह मानते थे। इस कारण वे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ अपराधियों के समान व्यवहार करते थे।

Question - 14 : -
अर्द्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?

Answer - 14 : -

अर्धरात्रि में कोयल की चीख सुनकर कवि को निम्नलिखित अंदेशा होता है-

  1. कोयल बावली हो गई होगी।
  2. स्वाधीनता संग्राम के कैदियों को देखकर कोयल द्रवित हो उठी होगी।
  3. उसने देश में अंग्रेज़ों के प्रति फैली क्रांति की ज्वाला देख ली होगी।
  4. वह जेल में बंद स्वाधीनता सेनानियों के लिए विशेष संदेश लेकर आई होगी।

Question - 15 : - कवि को कोयल से ईष्र्या क्यों हो रही है?

Answer - 15 : -

कवि को कोयल से इसलिए ईष्र्या है क्योंकि कोयल आजाद रहकर आसमान में उड़ती है तथा पेड़ों की हरी-भरी डालियों पर गाती फिरती है। इसके विपरीत कवि ऊँची-ऊँची काली-दीवारों वाली जेल में बंद है। उसकी दुनिया दस फुट की कोठरी में सिमटकर रह गई है। यहाँ उसका रोना भी गुनाह माना जाता है। उसे तड़प-तड़पकर दिन बिताना पड़ रहा है।

Question - 16 : -
कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?

Answer - 16 : -

कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की अनेक मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं; जैसे-

  1. कोयल बाग-बगीचों में आम के पेड़ पर अपना मधुर गीत सुनाया करती थी।
  2. वह प्रातः, दोपहर अथवा दिन ढले गीत सुनाया करती थी। कवि जब अर्धरात्रि को यही गीत सुनता है तो उसे यह गीत वेदनापूर्ण हूक-सी लगती है। यूँ असमय कोयल का गीत गाना उसे विचित्र-सा लग रहा है। इस तरह कोयल उन मधुर स्मृतियों को नष्ट करने पर तुली है।

Question - 17 : -
हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है? 

Answer - 17 : -

हथकड़ियों को गहना इसलिए कहा गया है क्योंकि कवि और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के हाथों में जो हथकड़ियाँ डाली गई हैं वे किसी चोरी-हत्या आदि के अपराध के लिए नहीं डाली गई हैं। उसे ये हथकड़ियाँ मातृभूमि की आजादी के लिए प्रयास करने के कारण मिली हैं। ऐसे नेक उद्देश्य के लिए ये हथकड़ियाँ किसी गहने से कम नहीं है।

Question - 18 : -
‘काली तू ऐ आली!’-इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।

Answer - 18 : -

‘काली’ शब्द की बार-बार आवृत्ति के माध्यम से-

  1. अंग्रेज सरकार के कुशासन की भयावहता का साकार चित्रण है।
  2. इससे अंग्रेज़ सरकार के कुकृत्यों की कालिमा चारों ओर फैले होने को साक्षात् आभास होता है।
  3. इससे समाज में व्याप्त निराशापूर्ण वातावरण का चित्र उपस्थित हो रहा है।

Question - 19 : -
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
(क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं?
(ख) तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह! देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी।

Answer - 19 : -

काव्य सौंदर्य
भाव-सौंदर्य- अंग्रेज़ों के अत्याचार और शोषण के प्रति भारतीयों के मन में विद्रोह की ज्वाला धधक उठी है। कोयल ने भारतीय जनमानस में उठने वाली दावानल को देख लिया है।
शिल्प सौंदर्य-

  1. दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार है।
  2. प्रश्न शैली का प्रयोग है।
  3. भाषा साहित्यिक खड़ी बोली है। जिसमें तत्सम शब्दों की बहुलता है।
  4. मानवीकरण अलंकार है।
(ख) भाव-सौंदर्य-काव्यांश में कोयल के स्वतंत्र जीवन और कैदी कवि के यातनापूर्ण जीवन का चित्रण है। कोयल
भारतीयों को अंग्रेजों के विरुद्ध एकजुट अपनी आज़ादी पाने के लिए युद्ध करने हेतु प्रेरित कर रही है।
शिल्प-सौंदर्य-

  1. तेरी-मेरी, वाह-गुनाह में स्वर मैत्री अलंकार है।
  2. भाषा तत्सम शब्दावलीयुक्त साहित्यिक खड़ी बोली है।
  3. ‘गुनाह’ उर्दू शब्द का सुंदर प्रयोग है।
  4. रचना छंदबद्ध है।
  5. मानवीकरण अलंकार है।

Question - 20 : -
आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा?

Answer - 20 : -

अंग्रेजों ने भारतवासियों को गुलाम बना रखा था। वे चाहते थे कि भारत पर उनका शासन चलता रहे। अपने शासन को बनाए रखने के लिए वे हर तरह के नैतिक-अनैतिक हथकंडे अपनाते थे। स्वतंत्रता की माँग करना उनकी दृष्टि में सबसे बड़ा अपराध था। वे इसे राजद्रोह मानते थे। इस कारण वे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ अपराधियों के समान व्यवहार करते थे।

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×