Question -
Answer -
(क) ऐसी स्थिति अब क्यों नहीं हैं?
(ख) इसकी जगह अब किन खेलों ने ले ली है?
(ग) कुश्ती को फिर से प्रिय खेल बनाने के लिए क्या-क्या काय किए जा सकते हैं?
उत्तर
(क) अब न तो राजा रहे और न ही वे पहलवान। वास्तव में पहलवानी बहुत खर्चीला खेल है। फिर इसके लिए अभ्यास की नियमित आवश्यकता है। आज कल लोगों के पास इतना समय नहीं कि वे दिन में 18-20 कसरत करें फिर बदले में मिलता भी कुछ नहीं है। केवल नाम के सहारे पेट नहीं पल सकता।
(ख) कुश्ती की जगह अब घुड़सवारी, फुटबाल, क्रिकेट, टेनिस, बॉलीबाल, बेसबॉल आदि खेलों ने ली है। इन खेलों में पैसा और शोहरत दोनों हैं। फिर खेल से रिटायर होने के बाद भी जीविका बनी रहती है।
(ग) कुश्ती को यदि फिर से प्रिय खेल बनाना है तो इसके लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को योजना बनानी चाहिए। व्यायामशालाएँ होनी चाहिए ताकि पहलवान कसरत कर सकें। अन्य खेलों की तरह ही जीतने वाले पहलवान को अच्छी खासी रकम इनाम में दी जानी चाहिए। यदि कोई पहलवान रिटायर हो जाए या दुर्घटना में उसे चोट लग जाए तो जीवनभर उसके लिए रोटी का प्रबंध किया जाना चाहिए।