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Chapter 14 पहलवान की ढोलक Solutions

Question - 21 : -
‘पहलवान की ढोलक’ कहानी का प्रतीकार्थ स्पष्ट कीजिए।

Answer - 21 : -

‘पहलवान की ढोलक’ कहानी व्यवस्था के बदलने के साथ लोक-कला और इसके कलाकार के अप्रासंगिक हो जाने को रेखांकित करती है। राजा साहब के मरते ही नयी व्यवस्था ने जन्म लिया। पुराने संबंध समाप्त कर दिए गए। पहलवानी जैसा लोकखल समाप्त कर दिया गया। यह ‘भारत’ पर ‘इंडिया’ के छा जाने का प्रतीक है। यह व्यवस्था लोक-कलाकार को भूखा मरने पर मजबूर कर देती है।

Question - 22 : -
‘लुट्टन को गाँव वापस क्यों आना पडा?

Answer - 22 : -

तत्कालीन राजा कुश्ती के शौकीन थे, परंतु उनकी मृत्यु के बाद विलायत से शिक्षा प्राप्त करके आए राजकुमार ने सत्ता संभाली। उन्होंने राजकाज से लेकर महल के तौर-तरीकों में भी परिवर्तन कर दिए। मनोरंजन के साधनों में कुश्ती का स्थान घुड़-दौड़ ने ले लिया। अत: पहलवानों पर राजकीय खर्च का बहाना बनाकर उन्हें जवाब दे दिया गया। इस कारण लुट्टन को गाँव वापस आना पड़ा।

Question - 23 : -
पहलवान के बेटों की मृत्यु पर गाँव वालों की हिम्मत क्यों टूट गई?

Answer - 23 : -

पहलवान के दोनों बेटे गाँव में फैली महामारी की चपेट में आकर चल बसे। इस घटना से गाँव वालों की हिम्मत टूट गई क्योंकि वे पहलवान को अपना सहारा मानते थे। अब उन्हें लगा कि पहलवान अंदर से टूट जाएगा तथा उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं रहेगा।

Question - 24 : -
‘पहलवान की ढोलक’ कहानी में किस प्रकार पुरानी व्यवस्था और नई व्यवस्था के टकराव से उत्पन्न समस्या को व्यक्त किया गया है?लिखिए।

Answer - 24 : -

‘पहलवान की ढोलक’ कहानी में पुरानी व्यवस्था और नई व्यवस्था के टकराव से उत्पन्न समस्या यह है-

1 पुरानी व्यवस्था में कलाकारों और पहलवानों को राजाओं का आश्रय एवं संरक्षण प्राप्त था। वे शाही खर्च पर जीवित रहते थे, पर नई व्यवस्था में ऐसा न था।
2 पुरानी व्यवस्था में राज-दरबार और जनता द्वारा इन कलाकारों को मान-सम्मान दिया जाता था, पर नई व्यवस्था में उन्हें सम्मान देने का प्रचलन न रहा।

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