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Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Solutions

Question - 31 : -
निम्नलिखित संधि विच्छेद कीजिए-

Answer - 31 : -

1 चित्रांकन – ……… + ………
2 सर्वोत्कृष्ट – ………. + ………..
3 चर्मोत्कर्ष – ………… + ………….
4 रूपांतरण – ……….. + ………….
5 घनानंद – ………… + …………..

उत्तर-

1 चित्रांकन – चित्र + अंकन
2 सर्वोत्कृष्ट – सर्व + उत्कर्ष
3 चर्मोत्कर्ष – चर्म + उत्कर्ष
4 रूपांतरण – रूप + अंतरण
5 घनानंद – घन + आनंद

Question - 32 : -
निम्नलिखित का समास विग्रह कीजिए और समास का नाम भी लिखिए-

Answer - 32 : -


(क) कला-मर्मज्ञ
(ख) लोकप्रिय
(ग) राष्ट्रपति

Question - 33 : -
‘तीसरी कसम’ जैसी और भी फ़िल्में हैं, जो किसी न किसी भाषा की साहित्यिक रचना पर बनी हैं। ऐसी फ़िल्मों की सूची निम्नांकित प्रपत्र के आधार पर तैयार करें।

Answer - 33 : -

Question - 34 : -
संगम की सफलता से उत्साहित राजकपूर ने कन-सा कदम उठाया?

Answer - 34 : -

राजकपूर को संगम फ़िल्म से अद्भुत सफलता मिली। इससे उत्साहित होकर उन्होंने एक साथ चार फ़िल्मों के निर्माण की घोषणा की। ये फ़िल्में थीं-अजंता, मेरा नाम जोकर, मैं और मेरा दोस्त, सत्यम् शिवम् सुंदरम्।

Question - 35 : -
राजकपूर ने शैलेंद्र के साथ अपनी मित्रता ? निर्वाह कैसे किया?

Answer - 35 : -

राजकपूर ने अपने मित्र शैलेंद्र की फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में पूरी तन्मयता से काम किया। इस काम के बदले उन्होंने किसी प्रकार के पारिश्रमिक की अपेक्षा नहीं की। उन्होंने मात्र एक रुपया एडवांस लेकर काम किया और मित्रता का निर्वाह किया।

Question - 36 : -
एक निर्माता के रूप में बड़े व्यावसायिक सा- युवा भी चकर क्यों खा जाते हैं?

Answer - 36 : -

एक निर्माता जब फ़िल्म बनाता है तो उसका लक्ष्य होता है फ़िल्म अधिकाधिक लोगों को पसंद आए और लोग उसे बार बार देखें, तभी उसे अच्छी आय होगी। इसके लिए वे हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं फिर भी फ़िल्म नहीं चलती और वे चक्कर खा जाते हैं।

Question - 37 : -
राजकपूर ने शैलेंद्र के साथ किस तरह यारउन्ना मस्ती की ?

Answer - 37 : -

गीतकार शैलेंद्र जब अपने मित्र राजकपूर के पास फ़िल्म में काम करने का अनुरोध करने गए तो राजकपूर ने हाँ कह दिया, परंतु साथ ही यह भी कह दिया कि ‘निकालो मेरा पूरा एडवांस।’ फिर उन्होंने हँसते हुए एक रुपया एडवांस माँगा। एडवांस माँग कर राजकपूर ने शैलेंद्र के साथ याराना मस्ती की।

Question - 38 : -
शैलेंद्र ने अच्छी फ़िल्म बनाने के लिए दवा किया?

Answer - 38 : -

शैलेंद्र ने अच्छी फ़िल्म बनाने के लिए राजकपूर और वहीदा रहमान जैसे श्रेष्ठ कलाकारों को लिया। इसके अलावा उन्होंने फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ की मार्मिक कृति ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ की कहानी को पटकथा बनाकर सैल्यूलाइड पर पूरी सार्थकता से उतारा।

Question - 39 : -
‘तीसरी कसम’ जैसी फ़िल्म बनाने के पीछे शैलेंद्र की मंशा क्या थी?

Answer - 39 : -

शैलेंद्र कवि हृदय रखने वाले गीतकार थे। तीसरी कसम बनाने के पीछे उनकी मंशा यश या धनलिप्सा न थी। आत्म संतुष्टि के लिए ही उन्होंने फ़िल्म बनाई।

Question - 40 : -
शैलेंद्र द्वारा बनाई गई फ़िल्म चल रहीं, इसके कारण क्या थे?

Answer - 40 : -

तीसरी कसम संवेदनापूर्ण भाव-प्रणव फ़िल्म थी। संवेदना और भावों की यह समझ पैसा कमाने वालों की समझ से बाहर होती है। ऐसे लोगों का उद्देश्य अधिकाधिक लाभ कमाना होता है। तीसरी कसम फ़िल्म में रची-बसी करुणा अनुभूति की। चीज़ थी। ऐसी फ़िल्म के खरीददार और वितरक कम मिलने से यह फ़िल्म चले न सकी।

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