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Question -

शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।।



Answer -

उत्तरी भारत में शीत ऋतु मध्य नवम्बर से शुरू होकर फरवरी तक विद्यमान रहती है। इस मौसम में आकाश मेघरहित एवं स्वच्छ रहता है। तापमान कम रहता है और मन्द गति से हवाएँ चलती हैं। तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है। दिसम्बर एवं जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं। उत्तर में तुषारापात सामान्य है तथा हिमालय के उपरी ढालों पर हिमपात होता है। इस ऋतु में देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं। ये स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं तथा इसलिए देश के अधिकतर भाग में शुष्क मौसम होता है। इन पवनों के कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है, क्योंकि वहाँ ये पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं जिससे ये अपने साथ आर्द्रता लाती हैं।

देश के उत्तरी भाग में, एक कमजोर उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है, जिसमें हलकी पवनें इस क्षेत्र से बाहर की ओर प्रवाहित होती हैं। उच्चावच से प्रभावित होकर ये पवन पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम से गंगा घाटी में बहती है। शीत ऋतु में उत्तरी मैदानों में पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम से चक्रवाती विक्षोभ का अंतर्वाह विशेष लक्षण है। यह कम दाब वाली प्रणाली भूमध्यसागर एवं पश्चिमी एशिया के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिमी पवनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। इसके कारण शीतकाल में मैदानों में वर्षा होती है तथा पर्वतों पर हिमपात, जिसकी उस समय बहुत अधिक आवश्यकता होती है। यद्यपि शीतकाल में वर्षा की कुल मात्रा कम होती है, लेकिन ये रबी फसलों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है।

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