Question -
Answer -
1. भारत की जलवायु को मुख्य रूप से तीन कारक प्रभावित करते हैं। ये हैं-
a. अक्षांश,
b. ऊँचाई,
c. वायुदाब एवं पवनें।
2. भारत में मानसूनी जलवायु होने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं
. मानसूनी जलवायु में मौसम के अनुसार पवनों की दिशा में परिवर्तन होता है।
a. भारत की जलवायु में भी पवनें गर्मी में समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु में स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं।
3. भारत में सबसे अधिक दैनिक तापमान भारत के मरुस्थल में होता है क्योंकि रेत शीघ्र गर्म होने से दिन में तापमान अधिक होता है।
4. मालाबार तट पर दक्षिण-पश्चिमी पवनों के कारण वर्षा होती है।
5. क्षोभमंडल की ऊपरी परत में पश्चिम से पूर्व की ओर तथा पूर्व से पश्चिम की ओर चलने वाली तीव्रगामी वायु धाराओं को जेट प्रवाह कहते हैं। पश्चिमी जेट प्रवाह के मार्ग में हिमालय तथा तिब्बत के पठार अवरोधक का काम करते हैं।
इस प्रकार यह प्रवाह दो भागों में बँट जाता है-
. उत्तरी जेट प्रवाह
a. दक्षिणी जेट प्रवाह।
उत्तरी जेट प्रवाह हिमालय के उत्तर में तथा दक्षिणी जेट प्रवाह हिमालय के दक्षिण में बहता है। जेट की दक्षिणी शाखा हमारे देश की जलवायु को प्रभावित करती है। जेट प्रवाह शीतकालीन चक्रवातों को भारत तक पहुँचाने में सहायक होते हैं। भारत की मानसून पवनों की दिशा को निर्धारित करने में जेट प्रवाह प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं।
6. मानसून अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘मौसम’ है। मानसूनी जलवायु में मौसम के अनुसार पवनों की दिशा में परिवर्तन आ जाता है-गर्मी में समुद्र से स्थल की ओर सर्दी में स्थल से समुद्र की ओर। मानसून में विराम का अर्थ है वह शुष्क समय जिसमें वर्षा नहीं होती।
7. विभिन्न अक्षाशों में स्थित होने एवं उच्चावच लक्षणों के कारण भारत की मौसम संबंधी परिस्थितियों में बहुत अधिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। किन्तु ये भिन्नताएँ मानसून के कारण कम हो जाती हैं क्योंकि मानसून पूरे भारत में बहती हैं। सम्पूर्ण भारतीय भूदृश्य, इसके जीव तथा वनस्पति, इसका कृषि-चक्र, मानव-जीवन तथा उनके त्योहार-उत्सव, सभी इस मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं।
मानसून के आगमन का पूरे देश में भरपूर स्वागत होता है। भारत में मानसून के आगमन का स्वागत करने के लिए विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। मानसून झुलसाती गर्मी से राहत प्रदान करती है। मानसून वर्षा कृषि क्रियाकलापों के लिए पानी उपलब्ध कराती है। वायु प्रवाह में ऋतुओं के अनुसार परिवर्तन एवं इससे जुड़ी मौसम संबंधी परिस्थितियाँ ऋतुओं का एक लयबद्ध चक्र उपलब्ध कराती हैं जो पूरे देश को एकता के सूत्र में बाँधती है। ये मानसूनी पवनें हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती हैं एवं सम्पूर्ण देश को एकसूत्र में बाँधती हैं। नदी घाटियाँ जो इन जलों को संवहन करती हैं, उन्हें भी एक नदी घाटी इकाई का नाम दिया जाता है। भारत के लोगों का सम्पूर्ण जीवन मानसून के इर्द-गिर्द घूमता है। इसलिए मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला समझा जाता है।