Question -
Answer -
हवाओं में निरंतर कम होती आर्द्रता के कारण उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। बंगाल की खाड़ी से उठने वाली आर्द्र पवनें जैसे-जैसे आगे और आगे बढ़ती हुई देश के आंतरिक भागों में जाती हैं, वे अपने साथ लायी गयी अधिकतर आर्द्रता खोने लगती हैं। इसी के परिणामस्वरूप पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा धीरे-धीरे घटने लगती है। राजस्थान एवं गुजरात के कुछ भागों में बहुत कम वर्षा होती है। कोलकाता से दिल्ली की ओर बढ़ने पर वर्षा धीरे-धीरे घटती जाती है। उदाहरण के लिए, कोलकाता में जहाँ 162 सेमी वर्षा होती है वहीं वाराणसी में 107 सेमी तथा दिल्ली में 56 सेमी वर्षा होती है। मानसून शाखा का दबाव और उसकी आर्द्रता पश्चिम की ओर क्रमशः घटती जाती है। यही कारण है कि मानसून की इस शाखा के दिल्ली तक पहुँचते-पहुँचाते वर्षा करने की क्षमता घटती जाती है।