The Total solution for NCERT class 6-12
हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों में निम्नलिखित अंतर है-
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ
1. इन नदियों से नहरें निकालना आसान और अधिक उपयोगी है। इनके जल का उपयोग सिंचाई और जल विद्युत दोनों में खूब किया जाता है।
1. इन नदियों से नहरें निकालना कठिन है। अतः सीमित क्षेत्रों में ही सिंचाई हो पाती है।
2. इन नदियों ने देश के विस्तृत उपजाऊ मैदान का निर्माण कर, देश को कृषिप्रधान बनाया है।
2. ये नदियाँ तेज ढाल वाले क्षेत्रों तथा पथरीले भागों में बहती हैं। अतः जल विद्युत केन्द्रों की स्थापना कर, जल विद्युत के निर्माण के लिए अधिक उपयोगी हैं।
3. देश का कुल संभावित जल विद्युत क्षमता को 60 प्रतिशत प्रतिशत भाग हिमालय की नदियों में है।
3. इन नदियों में देश की संभावित जलशक्ति का 40 भाग पाया जाता है।
4. समतल भू-भाग से होकर बहने के कारण से नाव्य नदियाँ हैं।
4. ये नदियाँ मार्ग में प्रपात बनाती चलती हैं। अतः नाव्य नहीं हैं। तटीय मैदानों में ही ये नाव्य हैं।
5. हिमालय पर्वत से निकलने वाली अधिकांश नदियाँ हिमानियों से जन्मी हैं।
5. प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ वर्षा के जल अथवा भूमिगत जल पर निर्भर हैं। यहाँ कोई हिमानी नहीं है।
6. इन नदियों में जल वर्ष भर पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
6. शुष्क मौसम में यहाँ की अधिकांश नदियाँ सूख जाती हैं, शेष की जलधारा बहुत पतली हो जाती है। अतः ये नदियाँ सदानीरा होती हैं।