Question -
Answer -
समकालीन क्रिकेट के विकास एवं लोकप्रियता में वृद्धि करने में विकसित तकनीक विशेषकर उपग्रह टेलीविजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। रंग-बिरंगे परिधान, रक्षात्मक हेलमेट, क्षेत्र रक्षण सम्बन्धी प्रतिबन्ध, दूधिया प्रकाश की रोशनी में क्रिकेट, सीमित ओवर के क्रिकेट मैच आदि ने इस पूर्व औद्योगिक ग्रामीण खेल को आधुनिक परिवेश में रूपांतरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। सेटेलाइट टेलीविजन के प्रचलन ने क्रिकेट को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचा दिया है।
टेलीविजन तकनीक ने क्रिकेट के विकास को निम्न रूप में प्रभावित किया है-
- टेलीविजन प्रसारण ने क्रिकेट को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराया है। टेलीविजन कंपनियों ने विज्ञापन-समय व्यावसायिक कंपनियों को बेचने आरंभ कर दिए। व्यावसायिक कंपनियों को भी इतना बड़ा दर्शक-समूह और कहाँ मिलता इसलिए विज्ञापनों से टी.वी. कंपनियों तथा क्रिकेट बोर्डो की आय बहुत बढ़ गई। निरंतर टी.वी. कवरेज के बाद क्रिकेटर सेलेब्रिटी बन गए और उन्हें अपने क्रिकेट बोर्ड से तो ज्यादा वेतन मिलने ही लगा, लेकिन उससे भी बड़ी कमाई के साधन टायर से लेकर कोला तक के टी०वी० विज्ञापन हो गए।
- टी.वी. कैमरे के उपयोग ने क्रिकेट के स्वरूप को भी प्रभावित किया। अब टी.वी. में ‘स्लो-मोशन’ द्वारा खेल की बारीकियों पर नजर रखी जाने लगी है। तीसरे अंपायर का निर्णय पूरी तरह कैमरे के कुशलतापूर्वक उपयोग पर ही निर्भर होता है।
- टी.वी. द्वारा दिखाए जाने वाले ‘री-प्ले’ ने खेल की रोचकता को और भी बढ़ा दिया है।
- टी.वी. प्रसारण से क्रिकेट का स्वरूप बिल्कुल ही बदल गया। टेलीविजन तकनीक के द्वारा क्रिकेट की पहँच छोटे शहरों व गाँवों के दर्शकों तक हो गई। इससे क्रिकेट का सामाजिक आधार भी व्यापक हुआ है। महानगरों से दूर रहने वाले बच्चे जो कभी बड़े मैच नहीं देख पाते थे, अब अपने नायकों को देखकर क्रिकेट की तकनीकें सीख सकते हैं।
- उपग्रह (सैटेलाइट) टी.वी. की तकनीक और बहु-राष्ट्रीय कंपनियों की दुनिया भर की पहुँच के चलते क्रिकेट का वैश्विक बाजार बन गया है। सिडनी में चल रहे मैच को अब सीधे सूरत में देखा जा सकता है।
- टेलीविजन दर्शकों को लुभाने के लिए क्रिकेट में किए गए अनेक प्रयोग जैसे-रंगीन वर्दी, सीमित ओवर, रात-दिन का खेल, क्षेत्ररक्षण की पाबंदियाँ आदि, स्थायी सिद्ध हुए हैं।