Question -
Answer -
अनाज के भण्डारण में बहुत हानि हो सकती है। इस हानि के लिए जैविक तथा अजैविक दोनों कारक उत्तरदायी हैं।
जैविक कारक – जैविक कारकों में कीट, केतक, कवक, चिंचड़ी तथा जीवाणु आते हैं।
अजैविक कारक – अजैविक कारकों में भण्डारण के स्थान पर उपयुक्त नमी व ताप का अभाव है। ये दोनों प्रकार के कारक फसल की गुणवत्ता को कम करते हैं। और वजन भी कम करते हैं। बीजों के अंकुरण की क्षमता कम हो जाती है और उत्पाद बदरंग हो जाते हैं। अतः इन कारकों पर नियंत्रण पाने के लिए अनाज को धूप व छाया में सुखाना चाहिए और फिर धूमक का प्रयोग करना चाहिए ताकि उसमें पीड़क उत्पन्न न हो सके।