Question -
Answer -
एपिडर्मिस जो कोशिकाओं की बाह्यतम परत है वह रक्षात्मक ऊतक का कार्य करती है। ये ऊतक सामान्यतया जड़, तने, पत्तियों और फूलों की कोशिकाओं के बाहर पाए जाते हैं। यह मोटाई में एककोशिकीय होती है जिसके बाहर क्यूरिन की परत चढ़ी होती है। जैसे-जैसे पौधे की आयु बढ़ती है परिधि पर स्थित एपिडर्मिस के अन्दर की कोशिकाएँ कार्क कोशिकाओं में रूपान्तरित हो जाती हैं। इनकी कोशिका भित्ति सुबेरिन के जमाव के कारण बहुत मोटी व मृत हो जाती है। यह जल की हानि को कम करती है।
कार्य-
1. पौधे की सुरक्षा करती है।
2. इसका उपयोग रोधन व धात रोधन में करते हैं।
3. इसका उपयोग लिनोलियम व खेल का सामान बनाने में भी किया जाता है।
4. एपिडर्मिस की कोशिकाओं में बीच-बीच में छोटे रन्ध्र होते हैं जिन्हें वातरन्ध्र (स्टोमेटा) कहते हैं।
5. कुछ कार्बनिक पदार्थों के जमाव के कारण यह मोटी व जलरोधी हो जाती है।