Question -
Answer -
ध्वनि – ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कानों में सुनने की संवेदना उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिए हम बहुत-से स्रोतों जैसे-अलार्म घड़ी की ध्वनि, सड़क पर दौड़ते हुए स्कूटर एवं कारों की ध्वनि, पक्षियों की चहचहाहट, विद्यालय की घंटी की ध्वनि, तबले तथा हारमोनियम की ध्वनि आदि सुनते हैं।
ध्वनि का उत्पन्न होना – ध्वनि किसी वस्तु के कंपन द्वारा उत्पन्न होती है। कंपन का अर्थ है किसी वस्तु का अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर इधर-उधर गति करना है। हम विभिन्न वस्तुओं में उन्हें खींचकर, चोट मारकर, हूँक मारकर, रगड़कर अथवा, उसे हिलाकर कंपन उत्पन्न कर सकते हैं।
सितार, वीणा आदि डोरी वाले वाद्य यंत्रों में कर्षण द्वारा तारों में कंपन पैदा किए जाते हैं तो ये ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकारे जब चिमटे की दो भुजाओं को एकदूसरे से टकराते हैं तो उनमें, कंपन के साथ ध्वनि उत्पन्न होती है। सभी वाद्य यंत्र, जैसे-ढोल या नगाड़े की चर्म (membrane), बांसुरी के अन्दर की वायु, हारमोनियम की रीड ध्वनि उत्पन्न करते समय कंपन की स्थिति में होते हैं।