Question -
Answer -
अनुरणन-किसी बड़े हॉल जैसे-सम्मेलन कक्ष, सिनेमा हॉल आदि में स्रोत से उत्पन्न ध्वनि बार-बार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है जब तक कि यह इतनी कम न हो जाए कि यह सुनाई ही न पड़े। यह बारंबार ध्वनि का परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बन्ध होता है तथा ध्वनि स्पष्ट सुनाई नहीं पड़ती, अनुरणन कहलाता है।
अनुरणन को कम करने के लिए सभा भवन या सिनेमा हॉलों की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थ जैसे-संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर, थर्मोकोल अथवा पर्दे लगा दिए जाते हैं। सीटों के पदार्थों का चुनाव भी ध्वनि अवशोषक पदार्थों के गुणों के आधार पर किया जाता है।