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Question -

(क) धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
(ख) धातु तथा अधातु की जल से क्रिया लिखिये।
(ग) लोहा, ताँबा तथा सोने के अयस्क देश में कहाँ पाये जाते हैं।
(घ) धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया को दो उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए। |
(ङ) सोडियम धातु का जल तथा ऑक्सीजन से क्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
(च) धातु तथा अधातु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(छ) धातु के संक्षारण की रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
(ज) तवे की हैंडल में लकड़ी लगी होती है, क्यों?



Answer -

(क) धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
धातु ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाते हैं, उदाहरण –
(i) सोडियम कमरे के सामान्य ताप पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाता है।

4Na +O2 → 2Na2O

(ii) मैग्नीशियम का तार ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (सफेद पाउडर) बनाता है।

2Mg +O2 → 2MgO

(ख) धातु तथा अधातु की जल से क्रिया लिखिये।
उत्तर
धातु-जल से सामान्य ताप पर क्रिया करके H2 गैस निकालती है।
अधातु-जल से सामान्य ताप पर क्रिया नहीं करती।

(ग) लोहा, ताँबा तथा सोने के अयस्क देश में कहाँ पाये जाते हैं।
उत्तर
लोहा- बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, छत्तीसगढ़। |
ताँम्बा- आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश।
सोने- (कोलार खान-कर्नाटक), आन्ध्र प्रदेश।

(घ) धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया को दो उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए। |
उत्तर
धातु जल के साथ क्रिया करके धातु हाइड्रॉक्साइड/ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाते हैं। उदाहरण –

(i) सोडियम धातु जल के साथ तीव्र गति से अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा” हाइड्रोजन गैस बनाता है।

2Na + 2H2O → 2NaOH + H2

(ii) मैग्नीशियम भाप या गर्म पानी के साथ क्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाता है।

Mg + H2O → MgO + H2

(ङ) सोडियम धातु का जल तथा ऑक्सीजन से क्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर
सोडियम धातु की जल के साथ क्रिया – सोडियम धातु जल के साथ तीव्र गति से अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाता है।

2Na + 2H2O → 2NaOH + H2

सोडियम धातु की ऑक्सीजन के साथ क्रिया – सोडियम कमरे के सामान्य ताप पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साईड बनाता है।

4Na + O2 → 2Na2O

(च) धातु तथा अधातु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
थातु तथा अधातु में निम्नलिखित अन्तर है-

(छ) धातु के संक्षारण की रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
धातु के संक्षारण की रोकथाम की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. पेंट का लेप चढ़ाकर – धातु की वस्तुओं की सतह पर पेंट लगाकर उसे क्षरण से बचाया जा सकता है। इसी कारण लोहे के फर्नीचर, लोहे के पुल, रेल के डिब्बे, बस, ट्रक आदि को पेंट किया जाता है।
  2. ग्रीस या तेल लगाकर – नए औजारों जैसे – कैंची, चाकू, मशीन आदि पर ग्रीस या तेल लगाकर उन्हें क्षरण से बचाया जा सकता है।
  3. गैल्वोनीकरण (धातु चढ़ाना) – लोहा को जंग से बचाने के लिए लोहे की चादर या अन्य पात्र को पिघले हुए जस्ते में डुबा देते हैं, जिसके कारण लोहे पर जस्ते की एक पतली परत जम जाती है। इस लोहे का उपयोग बाल्टी, टंकी आदि बनाने में किया जाता है।
  4. इलेक्ट्रोप्लेटिंग (विद्युत लेपन) – कुछ धातु जैसे क्रोमियम, निकिल तथा टिन वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन एवं नमी से प्रभावित नहीं होते हैं। लोहे का क्षरण रोकने के लिए उसके चारों ओर क्रोमियम या टिन की इलेक्ट्रोप्लेटिंग की जाती है। एल्युमिनियम को क्षरण से बचाने के लिए उसके ऊपर एल्युमिनियम ऑक्साइड का विद्युत लेपन कर दिया जाता है।
  5. मिश्र धातु बनाकर – कभी-कभी एक धातु में दूसरी धातु या अधातु मिलाने पर वह अधिक कठोर, स्थायी तथा संक्षारण से सुरक्षित हो जाता है। स्टील, लोहा तथा कार्बन का मिश्रण मिश्र धातु है, जिसमें आसानी से जंग नहीं लगता है।

(ज) तवे की हैंडल में लकड़ी लगी होती है, क्यों?
उत्तर
लकड़ी ताप का कुचालक है। इसके पकड़ने से हाथ नहीं जलता। इसलिए तवे की हैंडल में लकड़ी लगी होती है।

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