Question -
Answer -
अंतर-
(i) परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
1. परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
• जिन स्रोतों का उपयोग मनुष्य अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लंबे
समय से करता चला आ रहा है।
• इन स्रोतों का भंडार सीमित है तथा ये अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं।
• इन ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से प्रदूषण होता है।
• कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं।
2. गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्त्रोत
• जिन स्रोतों का उपयोग मनुष्य अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के विकल्प के रूप में करने लगा है।
• इन स्रोतों का भंडार सीमित नहीं है और ये नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत हैं।
• इन ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से प्रदूषण नहीं फैलता है।
• सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं।
(ii) बायोगैस और प्राकृतिक गैस-
1. बायोगैस
• यह मानव निर्मित संसाधन है।
• यह जैविक अपशिष्ट जैसे मृत पौधे और जंतुओं के अवशेष,पशुओं का गोबर आदि से तैयार की जाती है।
• इसका उपयोग खाना पकाने तथा बल्ब जलाने आदि में घरेलू जरूरतों के लिए किया जाता है।
• इसके प्लांट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लगाए गए हैं। (
2. प्राकृतिक गैस-
• यह प्राकृतिक संसाधन है।
• यह पेट्रोलियम निक्षेपों के साथ पायी जाती है।
• इसका उपयोग घरेलू और वाणिज्यिक ईंधनों के रूप में किया जाता है।
• भारत में प्राकृतिक गैस जैसलमेर, कृष्णा-गोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा और मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों में पायी जाती है।
(iii) लौह और अलौह खनिज-
1. लौह खनिज-
• जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें लौह खनिज कहते हैं।
• लौह-अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट इत्यादि लौह खनिज के उदाहरण हैं।
2. अलौह खनिज
• जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता है।
• सोना, चाँदी, ताँबा, आदि अलौह खनिज के उदाहरण हैं।
(iv) धात्विक और अधात्विक खनिजे
1. धात्विक खनिज
• जिन खनिजों से धातु प्राप्त होती है।
• इनको पीटकर पतली कादरों के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
• इनमें चमक होती है।
• लौह-अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट, सोना, चाँदी इत्यादि धात्विक खनिज के उदाहरण हैं।
2. अधात्विक खनिज
• जिन खनिजों से धातु प्राप्त नहीं होती है।
• ये पीटने पर टूट जाते हैं।
• इनमें चमक नहीं होती है।
• संगमरमर, कोयला, अभ्रक, पेट्रोलियम इत्यादि अधात्विक खनिजों के उदाहरण हैं।