Question -
Answer -
(i) लोगों को संसाधन इसलिए माना जाता है, क्योंकि मानव अपनी आवश्यकताओं और योग्यताओं द्वारा प्रकृति में उपलब्ध वस्तुओं को संसाधन में परिवर्तित करता है।
(ii) जनसंख्या के असमान वितरण के कारण
• भौगोलिक कारक-इसमें स्थलाकृति, जलवायु, मृदा, जल तथा खनिज आदि शामिल हैं जो जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते हैं।
• आर्थिक कारक-औद्योगिक क्षेत्र रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। अतः बड़ी संख्या में लोग इन क्षेत्रों में आकर बसते हैं।
• सांस्कृतिक कारक-धर्म और सांस्कृतिक महत्ता वाले स्थान लोगों को आकर्षित करते हैं।
• सामाजिक कारक-अच्छे आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र लोगों को आकर्षित करते हैं।
(iii) विश्व की जनसंख्या वृद्धि के कारण-
• मृत्यु दर में कमी
• खाद्य आपूर्ति में सुधार
• स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
• प्राकृतिक वृद्धि दर
• प्रवास
(iv) जनसंख्या परिवर्तन को प्रभावित करने वाले कारक
• जन्म दर-जिसे प्रति 1000 व्यक्ति पर एक वर्ष में जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या के रूप में मापा जाता है।
• मृत्यु दर-जिसे प्रति 1000 व्यक्ति पर एक वर्ष में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या के रूप में मापा जाता है।
(v) जनसंख्या संघटन-जनसंख्या संघटन किसी देश का जनसंख्या विन्यास अथवा संरचना है, जिससे हम आसानी से उस देश की जनसंख्या के विभिन्न घटकों का अध्ययन कर सकते हैं; जैसे-आयु-लिंग अनुपात, साक्षरता स्तर, स्वास्थ्य दशाएँ, व्यवसाय, आय-व्यय स्तर आदि। जनसंख्या संघटन जानने की एक विधि जनसंख्या पिरामिड है।
(vi) जनसंख्या पिरामिड-यह जनसंख्या के सांख्यिकीय प्रतिरूप को प्रदर्शित करने की एक विधि है। यह जनसंख्या संघटन का अध्ययन करने में सहायक है। जनसंख्या पिरामिड को कुल जनसंख्या के लैंगिक प्रतिशत में विभक्त किया जाता है। इससे कुल जनसंख्या से लैंगिक प्रतिशत ज्ञात किया जा सकता है। जनसंख्या पिरामिड का आधार जन्मे शिशुओं की स्थिति को दिखाता है। शिखर की तरफ बढ़ते हुए यह क्रमश: प्रौढों एवं वृद्धों की जनसंख्या को दिखाता है। यह देश की आश्रित एवं क्रियाशील जनसंख्या को भी दर्शाता है।