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Chapter 5 न्यायपालिका Solutions

Question - 11 : - ओल्गा टेलिस बनाम बंबई नगर निगम मुकदमे में दिए गए फैसले के अंशों को दोबारा पढ़िए। इस फैसले में कहा गया है कि आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा है। अपने शब्दों में लिखिए कि इस बयान से जजों का क्या मतलब था?

Answer - 11 : -

आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा-
1. कानून के द्वारा तय की गयी प्रक्रिया जैसे मृत्युदंड देने और उसे लागू करने के अलावा और किसी तरीके से किसी की जान नहीं ली जा सकती।। 
2. जीवन के अधिकार का इतना ही महत्त्वपूर्ण पहलू आजीविका का अधिकार भी है, कोई भी व्यक्ति आजीविका के बिना जीवित नहीं रह सकता। 
3. इस मुकदमे में याचिकाकर्ता झुग्गियों और पटरियों में रहते हैं और उन्हें वहाँ से हटाने की माँग की जा रही है। 
4. अगर उन्हें झुग्गियों या पटरी से हटा दिया जाए तो उनका रोजगार भी खत्म हो जाएगा और वे अपनी आजीविका से हाथ धो बैठेंगे। इस प्रकार वे जीवन के अधिकार से भी वंचित हो जाएँगे। 

Question - 12 : - ‘इंसाफ में देरी यानी इंसाफ का कत्ल’ इस विषय पर एक कहानी बनाइए।

Answer - 12 : -

इंसाफ में देरी यानी इंसाफ का कत्ल-
हाशिमपुरा हत्याकांड-
1. हाशिमपुरा (उ.प्र.) में पी.ए.सी. की हिरासत में 22 मई, 1987 को 43 मुसलमानों की हत्या कर दी गयी। उनके परिवार पिछले 20 साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 
2. इस हत्याकांड में मुकदमा शुरू होने में जो इतना विलंब हुआ उसके कारण सिंतबर 2002 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह मामला उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया। 
3. यह मुकदमा अभी भी चल रहा है इसमें प्रोविंशियल आर्ल्ड काँस्टेब्युलरी (पी.ए.सी.) के 19 लोगों पर हत्या और अन्य आपराधिक मामलों के आरोपों में मुकदमा चला जा रहा है। 
4. इस मुकदमे में 2007 तक केवल तीन गवाहों के ही ब्यान दर्ज किए जा सके थे। 

Question - 13 : - एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक पेज 65 के शब्द संकलन में दिए गए प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाइए।

Answer - 13 : -

1. बरी करना-सर्वोच्च न्यायालय ने सुधा गोयल केस में सुभाषचंद्र को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। 
2. अपील करना-आरोपियों ने अधीनस्थ न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की। 
3. मुआवजा-न्यायालये पीड़ित पक्ष के लिए मुआवजा देने का आदेश दे सकता है। 
4. बेदखली-रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वालों को अदालत ने वहाँ से बेदखल कर दिया। 
5. उल्लंघन-यदि किसी नागरिक को लगता है कि किसी व्यक्ति या राज्य द्वारा उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो वह अदालत में जा सकता है। 

Question - 14 : -
यह पोस्टर भोजन अधिकार अभियान द्वारा बनाया गया है।
 
इस पोस्टर को पढ़कर भोजन के अधिकार के बारे में सरकार के दायित्वों की सूची बनाइए। इस पोस्टर में कहा गया है कि “भूखे पेट भरे गोदाम! नहीं चलेगा, नहीं चलेगा!!” इस वक्तव्य को पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 61 पर भोजन के अधिकार के बारे में दिए गए चित्र निबंध से मिलाकर देखिए।

Answer - 14 : -

1. सरकार के दायित्व-
प्रत्येक नागरिक को भोजन उपलब्ध कराना। 
यह सुनिश्चित करना कि किसी भी व्यक्ति को भूखा न सोना पड़े। 
भूख की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों; जैसे-बेसहारा, बुजुर्ग, विकलांग, विधवा आदि पर सरकार
को विशेष ध्यान देना चाहिए। 
सरकार द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कुपोषण एवं भूख से किसी की मृत्यु न हो। 
2. राजस्थान और उड़ीसा में सूखे की वजह से लाखों लोगों के सामने भोजन का भारी अभाव पैदा हो गया
था, जबकि सरकारी गोदाम अनाज से भरे पड़े थे। इस स्थिति को देखते हुए पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिर्टीज (पी.यू.सी.एल.) नामक संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन के मौलिक अधिकारों में भोजन का अधिकार भी शामिल है। राज्य की इस दलील को भी गलत साबित कर दिया गया कि उसके पास संसाधन नहीं है, क्योंकि सरकारी गोदाम अनाज से भरे हुए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया कि नए रोजगार पैदा करे। राशन की सरकारी दुकानों के माध्यम से सस्ती दर पर आनाज उपलब्ध कराए और बच्चों को स्कूल में दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाए।

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