Question -
Answer -
उपरोक्त पद्धतियों द्वारा फसल उत्पादन के पश्चातू उपज का भण्डारण एक महत्वपूर्ण चरण है। चूहे, कीड़े तथा अन्य छोटे जीवों से उपज को बहुत नुकसान होता है। इसके लिए बड़े पैमाने पर अन्न के भण्डारण के लिए उन्नत भण्डारों धातु के बर्तनों तथा साइलों का उपयोग किया जाता है। भण्डारण में ताप का भी ध्यान रखा जाता हैं जिन खाद्यान्नों में पानी की मात्रा कम होती है जैसे- अनाज, दालें इत्यादि को कमरे के ताप पर सुरक्षित रखा जाता है। फल सब्जियों में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण इन्हें कम ताप 0°C से -1°C पर संरक्षित किया जाता है।