Question -
Answer -
(क) खनिज तथा अयस्क में क्या अन्तर है?
उत्तर
खनिज वह पदार्थ है, जिसे जमीन के अन्दर खुदाई करके प्राप्त किया जाता है, परन्तु जिन खनिजों से धातुओं का निष्कर्षण सरलतापूर्वक किया जाता है, उन्हें अयस्क कहते हैं।
(ख) धातुकर्म से क्या समझते हैं?
उत्तर
धातुकर्म – किसी अयस्क से धातु की प्राप्ति तथा उसके शुद्धिकरण की विधि को धातुकर्म कहते हैं।
(ग) धातुओं की अघातवर्धनीयता तथा तन्यता के गुण का क्या अर्थ है? ।
उत्तर
धातुओं को पीटकर चादरों के रूप में परिवर्तित करने के गुण को अघातवर्धनीयता कहते हैं। तथा धातुओं को खींचकर तार के रूप में परिवर्तित करने के गुण को तन्यता कहते हैं।
(घ) धातुओं का संक्षारण क्या है?
उत्तर
कुछ धातुओं को नम हवा में रखने अथवा वर्षा ऋतु में पानी में पड़े रहने पर उनकी सतह पर एक प्रकार की भूरे रंग की तह (जंग या लेप) जम जाती है। इस प्रकार धातु कमजोर होती जाती है। इस क्रिया को धातु का संक्षारण कहते हैं। लोहे के ऊपर भूरे रंग की जंग लगना तथा जस्ते के ऊपर सफेद रंग की जंग लगना इसके उदाहरण हैं।
(ङ) मुक्त अवस्था में पाए जाने वाले किन्हीं दो धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर
सोना तथा चाँदी ।।
(च) मिश्र धातु क्या होती हैं?
उत्तर
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं। ये धातुओं को उनकी पिघली हुई अवस्था में मिलाने पर बनती हैं। |
(छ) खनिज तथा अयस्क में क्या अन्तर है?
उत्तर
- खनिज- जो पदार्थ पृथ्वी के धरातल से खोदकर निकाले जाते हैं। उन्हें खनिज कहते हैं। उदाहरणलोहा, अभ्रक, कोयला आदि।
- अयस्क-ऐसे खनिज, जिनसे धातु का निष्कर्षण अधिक मात्रा में सरलता से एवं कम लागत में हो जाता है। अयसक (ore) कहलाते हैं।
- उदाहरण- बॉक्साइड, जिप्सम, कैलेमान ।
(ज) किसी एक द्रव धातु का नाम लिखिए।
उत्तर
पारा