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Question -

कारण बताइए –
(क) ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों की फ़र एवं त्वचा मोटी होती है।
(ख) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
(ग) वनस्पति के प्रकार एवं सघनता एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है।



Answer -

(क) ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है, जो उन्हें काफी ठंडी जलवायु से सुरक्षित रख सके।

(ख) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं, ये वन मानसूनी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले वृक्ष जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।

(ग) ऊँचाई में परिवर्तन के साथ जलवायु में परिवर्तन होता है तथा इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। जलवायु में निम्न परिवर्तन के कारण वनस्पति के प्रकार और सघनता में बदलाव आते हैं
1. विभिन्न स्थानों के तापमान में अन्तर के कारण। 
2. विभिन्न स्थानों के वर्षा में विभिन्नता के कारण। 
3. भूमि की ढाल एवं मृदा की पुरत की मोटाई में विभिन्नता के कारण। 

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