Question -
Answer -
(क) हम पृथ्वी के केन्द्र में निम्न कारणों से नहीं जा सकते
1. पृथ्वी के केन्द्र तक पहुँचने के लिए जो बिल्कुल असंभव है।) आपको समुद्र की सतह परे 6000 किलोमीटर गहराई तक खोदना होगा।
2. पृथ्वी की सतह से नीचे जाने पर तापमान 1 सेंटीग्रेड प्रति 32 मीटर की दर से बढ़ता जाता है।
3. पृथ्वी के केन्द्रीय क्रोड तरल अवस्था में आग का गोला है एवं वहाँ का दाब भी बहुत अधिक है।
(ख) शैल लुढ़ककर, चटककर तथा एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। इन छोटे कणों को अवसद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाकर, जमा कर दिए जाते हैं। ये अदृढ अवसाद दबकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनाते । हैं। इस प्रकार की शैलों को अवसादी शैल कहते हैं। उदाहरण के लिए, बलुआ पत्थर, रेत के दानों से बनता है। इन शैलों में पौधों, जानवरों एवं अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं, जो कभी इन शैलों पर रहे हैं, के जीवाश्म भी हो सकते हैं।
(ग) चूना पत्थर एक अवसादी शैल है। अवसादी शैल उच्च ताप एवं दाब के कारण कायांतरित शैलों में परिवर्तित हो सकती है। चूना पत्थर भी उच्च ताप एवं दाब के कारण संगमरमर में परिवर्तित हो जाता है।