Chapter 9 बाज़ार में एक कमीज़ Solutions
Question - 1 : - क्या स्वप्ना को रूई का उचित मूल्य प्राप्त हुआ?
Answer - 1 : - स्वप्नों को रूई का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। व्यापारी ने स्वप्ना को 1500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से रूई के 6000 रुपये दिए, जबकि रूई का बाजार भाव 1800 रुपये किंवटल था।
Question - 2 : - व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य क्यों दिया?
Answer - 2 : - क्योंकि स्वप्ना ने व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज लिया था। व्यापारी ने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। अतः स्वप्ना को रूई व्यापारी को ही बेचना पड़ा। इसलिए व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य दिया। |
Question - 3 : - आपके विचार से बड़े किसान अपनी रूई कहाँ बेचेंगे? उनकी स्थिति किस प्रकार स्वप्ना से भिन्न ?
Answer - 3 : - हमारे विचार से बड़े किसान अपनी रूई मंडी में जाकर अधिक दाम में बेचेंगे। वे मंडी में किसी भी व्यापारी । को रूई बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि स्वप्ना कर्ज लेने वाले व्यापारी को ही रूई बेच सकती थी।
Question - 4 : - इरोड के कपड़ा बाजार में निम्नलिखित लोग क्या काम कर रहे हैं-व्यापारी, बुनकर, निर्यातक?
Answer - 4 : - इरोड के कपड़ा बाज़ार में व्यापारी का कार्य-इरोड के कपड़ा बाजार में कई प्रकार का कपड़ा बेचा जाता है। आस-पास के गाँवों से बुनकर द्वारा बनाया गया कपड़ा भी इस बाज़ार में बिकने के लिए आता है। बाज़ार के पास कपड़ा व्यापारियों के कार्यालय हैं, जो इस कपड़े को खरीदते हैं। दक्षिणी भारत के शहरों के अन्य व्यापारी भी इस बाजार में कपड़ा खरीदने आते हैं। बुनकर-बाजार के दिनों में बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ा बनाकर यहाँ लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। निर्यातक का कार्य-इरोड का व्यापारी, बुनकरों द्वारा निर्मित कपड़ा दिल्ली के पास बने-बनाए वस्त्र निर्यात करने वाले एक कारखाने को भेजता है। वस्त्र निर्यात करने वाली फैक्टरी इसका उपयोग कमीजें बनाने के लिए करती है। ये कमीनें विदेशी खरीददारों को निर्यात की जाती हैं।
Question - 5 : - बुनकर, व्यापारियों पर किस-किस तरह से निर्भर हैं?
Answer - 5 : - बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ी बनाकर लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। बुनकर व्यापारियों से ऊँचे ब्याज दर पर ऋण लेकर करघे खरीदते हैं। एक करघे का मूल्य 20,000 रुपये हैं।
Question - 6 : - यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है। क्या यह संभव है? चर्चा कीजिए।
Answer - 6 : - यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि बुनकरों को कच्चा माल व्यापारियों से प्राप्त होता है और बेचने के लिए भी व्यापारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। बुनकरों के पास यह जानने का कोई साधन नहीं है कि वे किसके लिए कपड़ा बना रहे हैं और वह किस कीमत पर बेचा जाएगा।
Question - 7 : - क्या इसी तरह की दादन व्यवस्था पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी देखने को मिलती है? अपने इलाके से इस संबंध में जानकारी इकट्ठी कीजिए।
Answer - 7 : - दादन व्यवस्था में जहाँ व्यापारी कच्चा माल देता है और तैयार माल प्राप्त करता है। हमारे इलाके में भी इस तरह की व्यवस्था देखने को मिलती है। पापड़ के लिए आलू एवं अन्य सामान, बीड़ी के लिए बीड़ी पत्ता और धागा, मसालों के लिए हल्दी, धनियाँ, काली मिर्च, जीरा, सोंठ एवं अन्य गर्म मसाले कारीगर को दे दिए जाते हैं। वे पापड, बीडी और मसालें बनाकर व्यापारी को दे देते हैं।
Question - 8 : - आपने अपने इलाके में सहकारी संस्थाओं के बारे में सुना होगा, जैसे-दूध, किराना, धान आदि के व्यवसाय में। पता लगाइए कि ये किसके लाभ के लिए स्थापित की गई थीं?
Answer - 8 : - हमारे इलाके में कई दूधियों ने मिलकर दूध की एक सहकारी संस्था बनाई है और इस संस्था से दूध सरकार द्वारा स्थापित डेयरी द्वारा खरीदा जाता है। इसी तरह से कई किसान भाई मिलकर किराना और धान को एकत्रित | करते हैं और ये किराना और धान को किसी वाहन पर लादकर सरकार द्वारा स्थापित बाजार समिति में ले जाकर बेचते हैं।
Question - 9 : - विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से क्या-क्या अपेक्षाएँ रखते हैं? वस्त्र निर्यातक इन शर्तो को क्यों स्वीकार कर लेते हैं?
Answer - 9 : - कमीजों के विदेशी ग्राहकों में अमेरिका और यूरोप के ऐसे व्यवसायी भी हैं, जो स्टोर्स की श्रृंखला चलाते हैं। ये बड़े-बड़े स्टोर्स के स्वामी केवल अपनी शर्तों पर ही व्यापार करते हैं। वे माल देने वालों से न्यूनतम मूल्य पर माल खरीदने की माँग करते हैं। साथ ही वे सामान की उच्चतम स्तर की गुणवत्ता और समय पर सामान देने की शर्त भी रखते हैं। सामान ज़रा सा भी दोषयुक्त होने पर या माल देने में जरा भी विलंब होने । पर वे बड़ा सख्त ऐतराज करते हैं। इसलिए निर्यातक इन शक्तिशाली ग्राहकों द्वारा निश्चित की गई शर्तों को भरसक पूरा करने की कोशिश करते हैं।
Question - 10 : - वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को किस प्रकार पूरा करते हैं?
Answer - 10 : -
वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को निम्न प्रकार से पूरा करते हैं
1. निर्यातक विदेशी खरीदारों को न्यूनतम कीमत पर वस्त्र उपलब्ध कराते हैं।
2. निर्यातक वस्त्रों की उच्च गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देते हैं।
3. वस्त्रों को एक निश्चित अवधि में विदेशी खरीदारों के पास निर्यात कर दिया जाता है।