Chapter 8 हमारे आस पास के बाज़ार Solutions
Question - 11 : - थोक व्यापारी की भूमिका जरूरी क्यों होती है?
Answer - 11 : - बाज़ार में थोक व्यापारी की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण होती है। थोक व्यापारी वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में वस्तु खरीदते हैं। उस वस्तु को थोक व्यापारी खुदरा व्यापारी को उपलब्ध कराते हैं। कई खुदरा व्यापारी के पास इतने अधिक पैसे नहीं होते कि वे वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में सामान खरीद सकें। खुदरा व्यापारी ही उपभोक्ता तक सामान को उपलब्ध कराता है।
Question - 12 : - एक फेरीवाला, किसी दुकानदार से कैसे भिन्न है?
Answer - 12 : -
एक फेरीवाला दुकानदार से कई दृष्टि से भिन्न है
1. फेरीवालों की कोई निश्चित या स्थायी दुकान नहीं होती है। वे घूम-घूमकर अपना सामान बेचते हैं, जबकि दुकानदार की अपनी एक निश्चित दुकान होती है।
2. फेरीवाला अपने सामान को आवाज़ लगाकर बेचता है, जबकि दुकानदार को अपने सामान को बेचने के लिए आवाज़ नहीं लगानी पड़ती।
3. फेरीवाले के पास सामान बहुत कम होता है, जिसके कारण पूँजी भी कम लगती है। इसकी अपेक्षा दुकानदार के पास सामान अधिक होता है और पूँजी भी अधिक लगती है।
4. फेरीवाला स्थानीय उत्पाद का सामान बेचता है, जबकि दुकानदार स्थानीय उत्पाद का सामान और ब्रांडेड दोनों तरह के सामान बेचता है।।
Question - 13 : - निम्न तालिका के आधार पर एक साप्ताहिक बाज़ार और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तुलना करते हुए उनका अंतर स्पष्ट कीजिए।
Answer - 13 : -
Question - 14 : - स्पष्ट कीजिए कि बाजारों की श्रृंखला कैसे बनती है? इससे किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है?
Answer - 14 : -
एक उत्पादक वस्तुओं का उत्पादन करता है। उत्पादक द्वारा वस्तुएँ वितरक तथा थोक व्यापारियों को बेचा जाता है। कई बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ अपना सामान थोक विक्रेताओं को न देकर वितरकों को देते हैं और वितरक के माध्यम से थोक विक्रेताओं के पास सामान पहुँचता है। थोक विक्रेता खुदरा विक्रेता को सामान बेचता है। खुदरा विक्रेता उन वस्तुओं को स्थानीय ग्राहकों को बेचते हैं।
बाज़ार श्रृंखला द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति होती है-
1. उत्पादक के लिए सीधे रूप में ग्राहकों को सामान बेचना संभव नहीं होता, इसलिए बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
2. छोटे व्यवसायी एवं खुदरा विक्रेता उत्पादक का सारा सामान खरीदने में असमर्थ होते हैं, इसलिए उन्हें भी बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
3. बाजार श्रृंखला के कारण ही उत्पादक से उपभोक्ता तक सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
Question - 15 : - सब लोगों को बाजार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। क्या आपके विचार से महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में यह बात सत्य है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
Answer - 15 : -
सब लोगों को बाज़ार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। यह बात महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में भी सत्य है, परंतु महँगे उत्पाद प्रायः उच्च आय वाले ही खरीद पाते हैं। गरीब लोग महँगे उत्पादों की दुकानों के सामान को नहीं खरीद सकते। वे सिर्फ साप्ताहिक बाज़ारों, स्थानीय दुकानों तथा फेरीवालों से ही सामान खरीदते हैं।
उदाहरणस्वरूप-उच्च आय वर्ग के लोग ब्रांडेड सामान शॉपिंग मॉल से खरीदते हैं, जबकि निम्न आय वर्ग के लोग इसे खरीदने में असमर्थ होते हैं।
Question - 16 : - बाज़ार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना हो सकता है। उदाहरण देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।
Answer - 16 : - आज के वर्तमान युग में बाजार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना संभव है। इसे उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप-कोई उपभोक्ता अपने घर की आवश्यकता के लिए कुछ सामान खरीदना चाहता है उसके लिए वह सबसे पहले अपनी आवश्यक सामानों की सूची बनाएगा। इसके बाद वह नजदीक के डिपार्टमेंटल स्टोर को फोन अथवा ई-मेल द्वारा सामान की सूची को नोट कराएगा और साथ-ही-साथ उसे अपना फोन नम्बर। ई-मेल नम्बर और घर का पता भी बतलाएगा। डिपार्टमेंटल स्टोर के कर्मचारी उस पते पर सारे सामान को पहुँचा देगा और उपभोक्ता से सामान की कीमत वसूल कर वापस चला जाएगा।