Question -
Answer -
मानव शरीर में एक जोड़ी वृक्क होते हैं। वृक्क का आकार सेम के बीज के समान होता है। इसका बाहरी भाग उभरा हुआ तथा भीतरी भाग धंसा हुआ होता है। वृक्क कमर के ऊपर रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ स्थित होते हैं। वृक्क ही रक्त की प्रमुख छन्नी है। वृक्क में रक्त, धमनियों द्वारा आता है तथा छनने के बाद शिराओं द्वारा बाहर निकलता है। दरअसल जब रक्त वृक्क में आता है तो इसमें उपयोगी एवं अपशिष्ट दोनों ही प्रकार के पदार्थ होते हैं। छनने के बाद जहाँ एक ओर उपयोगी पदार्थ जैसे ग्लूकोज़, लवण, विटामिन्स, अमीनो अम्ल आदि पुनः अवशोषित कर लिये जाते हैं वहीं दूसरी ओर जल में घुली हुई यूरिया शरीर से बाहर निकाल दी जाती है। वृक्कों से छनने के बाद मूत्र मूत्रवाहिनियों से होता हुआ मूत्राशय में एकत्रित होता रहता है। वृक्क, मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्र मार्ग सम्मिलित रूप से उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं।