Question -
Answer -
नीम में एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। नीम के पेड़ के विभिन्न भागों को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। नीम के पेड़ के सभी भाग जैसे पत्ते, फूल, बीज, फल, जड़ और छाल सूजन, संक्रमण, बुखार, त्वचा रोग और दंत चिकित्सा विकारों के इलाज के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं। नीम की पत्ती और हल्दी का लेप सभी प्रकार के चर्म रोग जैसे दाद, एक्जिमा और खुजली का इलाज करने में मदद करता है। इसका प्रयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए, रक्त को शुद्ध करने के लिए और पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। नीम का तेल व बीज कुष्ठ रोग और पेट के कीड़े के उपचार के लिए किया जाता है। नीम के बीज और पत्ते मलेरिया के उपचार में भी सहायक होते हैं। नीम के फल-फूल का प्रयोग पित्त को कम करने, कफ, बवासीर, मूत्र विकार, नाक से खून बहना, नेत्र रोग, घाव, कुष्ठ रोग और पेट के कीड़े के इलाज के लिए किया जाता है। नीम की छाल का प्रयोग पेट और आँतों में अल्सर, त्वचा रोग, दर्द और बुखार में किया जाता है।