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Chapter 2 रेशों से वस्त्र तक Solutions

Question - 11 : -
ऊन तथा रेशम के दो-दो उपयोग लिखिए ?

Answer - 11 : -

ऊन से ऊनी वस्त्र तथा कंबल बनाए जाते हैं। रेशम से रेशमी वस्त्र एवं पैराशूट बनाए जाते हैं।

Question - 12 : -
भेड़ के रेशों को ऊन में संसाधित करने के विभिन्न चरणों को क्रमानुसार वर्णित कीजिए?

Answer - 12 : -

भेड़ के रेशों को ऊन में संसाधित करने के विभिन्न चरण
चरण-1: भेड़ों के बालों की कटाई-मशीनों द्वारा भेड़ों के बालों की कटाई की जाती है जो सामान्यतः गर्मी के मौसम में होता है।
चरण-2: अभिमार्जन-कटाई के बाद रेशों को पानी की टंकियों में डालकर अच्छी तरह से धोया जाता है, जिससे उनकी चिकनाई, धूल और गर्त निकल जाए। यह क्रिया अभिमार्जन कहलाती है।
चरण-3: छंटाई-अभिमार्जन के बाद रेशों की छंटाई होती है, जिसमें अच्छे रोएँदार रेशों को उसकी लम्बाई, चिकनाई तथा हल्केपन के आधार पर अलग-अलग कर लिया जाता है।
चरण-4: कताई-अभिमार्जन से प्राप्त रेशों को सुखाने के बाद छोटे-छोटे कोमल व फूले हुए रेशों की ऊन के धागे के रूप में कताई की जाती है।
चरण-5: रँगाई–भेड़ों अथवा बकरियों से प्राप्त रेशे प्रायः काले, भूरे अथवा सफेद रंग के होते है। विविधता पैदा करने के लिए इन रेशों की विभिन्न रंगों में रँगाई की जाती है।
चरण-6: ऊनी धागा बनाना-हँगाई के बाद इन रेशों को सुलझाकर सीधा किया जाता है और फिर लपेटकर उनसे ऊनी धागा बनाया जाता है।

Question - 13 : -
रेशम कीट के जीवन-चक्र का सचित्र वर्णन कीजिए।

Answer - 13 : -

विद्यार्थी स्वयं करें।

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