Question -
Answer -
मनुष्य का हृदय गुलाबी रंग की तिकोनाकार पेशीय रचना है। जिसका आकार लगभग मुट्ठी के बराबर होती है। यह वक्ष गुहा में बायीं ओर स्थित होता है। हृदय में चार कक्ष पाये जाते हैं: दो कक्ष ऊपरी भाग में जिन्हें अलिन्द तथा दो कक्ष निचले भाग में जिन्हें निलय कहते दायाँ अलिन्द बायाँ अलिन्द हैं। हृदय के दायें भाग (दायाँ अलिन्द व दायाँ निलय) में कार्बन डाइऑक्साइडयुक्त रक्त तथा बायें भाग (बाया विभाजन दीवार विभाजन दीवार अलिन्द वे बायाँ निलय) में ऑक्सीजनयुक्त रक्त बहता है। दायाँ निलय दोनों अलिन्द व दोनों निलय लयबद्ध तरीके से सिकुड़ते तथा फैलते रहते हैं। जिन्हें क्रमशः संकुचन एवं शिथिलन कहते हैं। इसके कारण धक-धक की आवाज सुनाई देती है, जिसे हृदय स्पंदने या धड़कन कहते हैं। स्वस्थ मनुष्य के शरीर में सामान्यतः एक मिनट में लगभग 72 बार स्पंदन करता है। संकुचन की अवस्था में रक्त हृदय से पम्प होता है जबकि शिथिलने की अवस्था में रक्त हृदय में भरता है। हृदय में रक्त शरीर के विभिन्न भागों से नलिकाओं (शिरा) द्वारा आता है तथा हृदय से नलिकाओं (धमनी) द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचता है।