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अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास – जब किसी देश-विशेष का निवासी किन्हीं विशेष कारणों से अन्य देश में प्रवासित हो जाता है तो उसे ‘अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास’ कहते हैं।
भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के कारण भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. आर्थिक कारण – भारत में संसाधनों का भण्डार है। यहाँ प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास में इन संसाधनों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। भारत में प्रवासी इन्हीं आर्थिक कारणों की वजह से अधिक आते हैं। वर्तमान में अनेक विदेशी कम्पनियाँ भारत में इसी आकर्षण के कारण स्थापित हुई हैं, क्योंकि उन्हें यहाँ अपने उत्पादों के लिए कच्चा माल, सस्ता श्रम और व्यापक बाजार आदि सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
2. राजनीतिक कारण – भारत में राजनीतिक कारणों या सरकारी नीतियों के लचीलेपन के कारण भी विदेशी प्रवास करते हैं। सीमावर्ती देशों से होने वाला प्रवास इसका उदाहरण है।
3. धार्मिक और सामाजिक कारण – भारत सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुम्बकम् सिद्धान्त एवं आदि संस्कृतियों वाला देश है। यहाँ सभी धर्मों को सम्मान दिया जाता है। यहाँ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता आदि से प्रभावित होकर और समाज में सहायता से समन्वय के कारण प्रवासी आकर्षित होते हैं जिसके कारण भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास होता है।
इस तरह भारत में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के प्रमुख कारण आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक हैं. किन्तु वर्तमान समय में अनेक अन्य कारणों; जैसे-तकनीकी सुविधाओं, उच्च प्रतिभा तथा उच्च शिक्षा आदि से भी भारत के लोग खाड़ी देशों एवं यू०एस०ए० और यूरोपीय देशों को प्रवास करते हैं।