Question -
Answer -
उदारीकरण-उदारीकरण आर्थिक विकास की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के स्थान पर निजी क्षेत्र में उद्योगों को चलाने पर बल दिया जाता है तथा उन सब नियमों और प्रतिबन्धों में छूट दी जाती है जिससे पहले निजी क्षेत्र के विकास में रुकावट आती है।
निजीकरण—निजीकरण से अभिप्राय है कि सरकार द्वारा लगाए गए उद्योगों को निजी क्षेत्र में स्थापित किया जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र का महत्त्व कम होगा।
वैश्वीकरण-वैश्वीकरण से अभिप्राय है-देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया। इसके अधीन आयात पर प्रतिबन्ध तथा आयात शुल्क में कमी की गई। इस प्रक्रिया में एक देश के पूँजी संसाधनों के साथ-साथ वस्तुएँ और सेवाएँ, श्रमिक तथा अन्य संसाधन एक-दूसरे में स्वतन्त्रतापूर्वक आ-जा सकते हैं।
उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण का भारत के औद्योगिक विकास पर प्रभाव-
- विदेशी पूँजी का सीधा निवेश किया जा सकता है।
- व्यापारिक प्रतिबन्ध समाप्त हो जाते हैं, जिससे देश में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आने में सुविधा होती है।
- भारतीय कम्पनियों को विदेशी कम्पनियों के साथ प्रवेश करने का अवसर मिलता है।
- उदारीकरण कार्य से आयात किया जा सकता है, आदि।