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Question -

संयोजकता आबन्धसिद्धान्त के आधार पर निम्नलिखित उपसहसंयोजन सत्ता में आबन्ध की प्रकृति की विवेचना कीजिए

  1. [Fe(CN)6]4-
  2. [FeF6]3-
  3. [CO(C2O4)3]3-
  4. [COF6]3-



Answer -

1. [Fe(CN6)]4- – इस संकुल आयन में आयरन की ऑक्सीकरण अवस्था +2 है।
Fe
का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = [Ar] 3d6 4s2
Fe 2+
का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = [Ar] 3d6
छह सायनाइड आयनों से छह इलेक्ट्रॉन युग्मों को स्थान देने के लिए आयरन (II) आयन को छह रिक्त कक्षक उपलब्ध करने चाहिए। ऐसा निम्नलिखित संकरण पद्धति के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जिसमें d-उपकोश के इलेक्ट्रॉन युग्मित हो जाते हैं, चूँकि CN आयन प्रबल क्षेत्र लिगेण्ड हैं।

अत: छह सायनाइड आयनों से छह इलेक्ट्रॉन युग्म आयरन (II) आयन के छह संकरित कक्षकों को अध्यासित कर लेते हैं। इस प्रकार किसी भी कक्षक में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए [Fe(CN)6]4- प्रतिचुम्बकत्व दर्शाता है। अतः [Fe(CN)6]4- प्रतिचुम्बकीय तथा अष्टफलकीय है।

2. [FeF6]3- –यह संकुल उच्च चक्रण (या चक्रण मुक्त) या बाह्य संकुल है, चूंकि केन्द्रीय धातु आयन, Fe(III) संकरण के लिए nd-कक्षकों का प्रयोग करता है। यह एक अष्टफलकीय संकुल है। जिसमें sp3 d2 संकरण होता है, प्रत्येक कक्षक में छह फ्लुओराइड आयनों से एक-एक एकाकी इलेक्ट्रॉन-युग्म स्थान प्राप्त करता है जैसा कि निम्नांकित चित्र में दर्शाया गया है

चूँकि संकुल में पाँच अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं, अत: यह अनुचुम्बकीय है।

3. [CO(C2O4)3]3-
Co (Z = 27)
का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : [Ar] 3d7 4s2
Co3+ 
का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : [Ar] 3d6 4s0
C2O2-4 
प्रबल क्षेत्रीय लिगेण्ड है जिसके कारण इलेक्ट्रॉनों का युग्मन हो जाता है।

अतः स्पष्ट है कि [Co(C2O4)3]3- प्रतिचुम्बकीय तथा अष्टफलकीय संकुल है।

4. [CoF6]3- –Co (27) : [Ar] 3d7 4s2
Co3+ : [Ar] 3d6 4s0
F 
एक दुर्बल क्षेत्र लिगेण्ड होने के कारण इलेक्ट्रॉनों का युग्मन नहीं कर सकता है।

अतः [CoF6]3- अनुचुम्बकीय तथा अष्टफलकीय संकुल है।

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