MENU
Question -

निम्नलिखित प्रत्येक समुच्चय को सामने लिखे गुणों के अनुसार सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए

  1. F2, Cl2, Br2, I2 – आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी बढ़ते क्रम में।
  2. HF, HCl, HBr, HI – अम्ल सामर्थ्य बढ़ते क्रम में।
  3. NH3, PH3, AsH3, SbH3, BiH3 – क्षारक सामर्थ्य बढ़ते क्रम में।



Answer -

1. F2 से I2 तक आबन्ध दूरी बढ़ने पर आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी घटती है क्योंकि F से I की ओर जाने पर परमाणु के आकार में वृद्धि होती है। यद्यपि F-F आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी, Cl – Cl की तुलना में कम होती है तथा Br – Br की आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी से भी कम होती है। इसका कारण यह है कि F परमाणु अत्यधिक छोटा होता है तथा प्रत्येक F परमाणु पर इलेक्ट्रॉनों के तीन एकाकी युग्म F2 अणु में F-परमाणुओं को बाँधे रखने वाले आबन्ध युग्मों को प्रतिकर्षित करते हैं। अत: आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी का बढ़ता क्रम इस प्रकार होता है- I2 < F2 2 < Cl2.

2. HF, HCl, HBr, HI की आपेक्षिक अम्ल सामर्थ्य इनकी आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी पर निर्भर करती है। F से I तक परमाणु का आकार बढ़ने पर H-X आबन्ध की आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी H – F से H – I तक घटती है। इसलिए अम्ल सामर्थ्य विपरीत क्रम में इस प्रकार बढ़ता है
HF < HCl < HBr < HI.

3. NH3, PH3,AsH3, BiH3 में केन्द्रीय परमाणु पर इलेक्ट्रॉनों के एकाकी युग्म की उपस्थिति के कारण ये सभी लुईस क्षारों की भाँति व्यवहार करते हैं। यद्यपि NH3 से BiH3 तक जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है, परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनों का एकाकी युग्म अधिक आयतन घेर लेता है। दूसरे शब्दों में, केन्द्रीय परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व घटता है तथा क्षारक सामर्थ्य NH3 से BiH3 तेक घटती है, इसलिए क्षारक सामर्थ्य का बढ़ता क्रम है- BiH3 3 < AsH3 < PH3 < NH3 .

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×