Question -
Answer -
माना छह लिगेण्ड कार्तिक अक्षों के अनुदिश सममित रूप से स्थित हैं तथा धातु परमाणु मूल बिन्दु पर है।
लिगेण्ड के निकट आने पर d-कक्षकों की ऊर्जा में मुक्त आयनों की तुलना में अपेक्षित वृद्धि होती है। जैसा कि गोलीय क्रिस्टल क्षेत्र की स्थिति में होता है।
अक्षों के अनुदिश कक्षक (dz2 तथा dx2–y2) dxy , dyz तथा dzx कक्षकों की तुलना में अधिक प्रबलता से प्रतिकर्षित होते हैं तथा इनमें अक्षों के मध्य निर्देशित पालियाँ (lobes) होती हैं। गोलीय क्रिस्टल क्षेत्र में औसत ऊर्जा की अपेक्षा dz2 तथा dx2–y2 कक्षक ऊर्जा में बढ़ जाते हैं तथा dxy, dyz,dzx, कक्षक ऊर्जा में न्यून हो जाते हैं।
अतः d- कक्षकों का समभ्रंश समूह (degenerate set) दो समूहों में विपाटित हो जाता है- निम्न ऊर्जा कक्षक समूह t2g तथा उच्च ऊर्जा कक्षक समूह eg ऊर्जा Δ0 द्वारा पृथक्कृत होती हैं।