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Chapter 3 वैद्युत रसायन (Electro Chemistry) Solutions

Question - 21 : - घड़ियों एवं अन्य युक्तियों में अत्यधिक उपयोग में आने वाली बटन सेलों में निम्नलिखित अभिक्रिया होती है
Zn(s) + Ag2O(s) + H2O(l) → Zn2+ (aq) +2Ag(s) + 2OH (aq)
अभिक्रिया के लिए ΔrG एवं E ज्ञात कीजिए।

Answer - 21 : -


सेल अभिक्रिया के लिए, n = 2
ΔrG =– nFEcell
ΔrG =– 2 x 96500 x 1.104 = -2.13 x 105 CV mol-1
= – 2.13 x 10 J mol-1

Question - 22 : - किसी विद्युत-अपघट्य के विलयन की चालकता एवं मोलर चालकता की परिभाषा दीजिए। सान्द्रता के साथ इनके परिवर्तन की विवेचना कीजिए।

Answer - 22 : -

विद्युत-अपघट्य के विलयन की चालकता (Conductivity of the solution of an electrolyte) – यह प्रतिरोध R का व्युत्क्रम होती है तथा इसे उस सरल रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिससे धारा किसी चालक में प्रवाहित होती है।
c = 
k = 
यहाँ k विशिष्ट चालकता है। चालकता का SI मात्रक सीमेन्ज (Siemens) है जिसे प्रतीक ‘S’ से निरूपित किया जाता है तथा यह ohm-1 या Ω-1 के तुल्य होता है।
मोलर चालकता (Molar conductivity) – वह चालकता जो 1 मोल विद्युत-अपघट्य को विलयन में घोलने पर समस्त आयनों द्वारा दर्शायी जाती हैमोलर चालकता कहलाती है, इसे Δm (लैम्ब्डा) से व्यक्त किया जाता है। यदि विद्युत-अपघट्य विलयन के V cm3 में विद्युत-अपघट्य के 1 mol उपस्थित हों, तब
Δm = K x V

इसकी इकाई ohm-1 cm2 mol-1 या S cm2 mol-1 है।

सान्द्रता के साथ चालकता तथा मोलर चालकता में परिवर्तन
(Variation of Conductivity and Molar Conductivity with Concentration)
विद्युत-अपघट्य की सान्द्रता में परिवर्तन के साथ-साथ चालकता एवं मोलर चालकता दोनों में परिवर्तन होता है। दुर्बल एवं प्रबल दोनों प्रकार के विद्युत-अपघट्यों की सान्द्रता घटाने पर चालकता सदैव घटती है। इसकी इस तथ्य से व्याख्या की जा सकती है कि तनुकरण (dilution) करने पर प्रति इकाई आयतन में विद्युत धारा ले जाने वाले आयनों की संख्या घट जाती है। किसी भी सान्द्रता पर विलयन की चालकता उस विलयन के इकाई आयतन का चालकत्व होता है जिसे परस्पर इकाई दूरी पर स्थित एवं इकाई अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले दो प्लैटिनम इलेक्ट्रोडों के मध्य रखा गया हो।

यह निम्नलिखित समीकरण से स्पष्ट है
C = 
=k
(A एवं दोनों ही उपयुक्त इकाइयों m या cm में हैं)
किसी दी गई सान्द्रता पर एक विलयन की मोलर चालकता उस विलयन के V आयतन का चालकत्व है जिसमें विद्युत-अपघट्य का एक मोल घुला हो तथा जो एक-दूसरे से इकाई दूरी पर स्थित, A अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले दो इलेक्ट्रोडों के मध्य रखा गया हो। अतः

Δm = = k

चूंकि l = 1 एवं A = V (आयतन, जिसमें विद्युत अपघट्य का एक मोल घुला है।)
Δm = k V
सान्द्रता घटने के साथ मीलर चालकता बढ़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह कुल आयतन (V) भी बढ़ जाता है जिसमें एक मोल विद्युत अपघट्य उपस्थित होता है। यह पाया गया है कि विलयन के तनुकरण पर आयतन में वृद्धि K में होने वाली कमी की तुलना में कहीं अधिक होती है।

प्रबल विद्युत-अपघट्य (Strong Electrolytes)
प्रबल विद्युत अपघट्यों के लिए Δm का मान तनुता के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है एवं इसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा निरूपित किया जा सकता है
Δm  = Δºm – Ac1/2
यह देखा जा सकता है कि यदि Δm को c1/2 के विपरीत आरेखित किया जाए (चित्र-3) तो हमें एक सीधी रेखा प्राप्त होती है जिसका अन्त:खण्ड A एवं ढाल ‘A’ के बराबर है। दिए गए विलायक एवं ताप पर स्थिरांक ‘A का मान विद्युत-अपघट्य के प्रकार अर्थात् विलयन में विद्युत-अपघट्य के वियोजन से उत्पन्न धनायन एवं ऋणायन के आवेशों पर निर्भर करता है। अत: NaCl, CaCl2, MgSO4 क्रमशः 1-1, 2-1 एवं 2-2 विद्युत-अपघट्य के रूप में जाने जाते हैं। एक प्रकार के सभी विद्युत-अपघट्यों के लिए ‘A’ का मान समान होता है।

Question - 23 : - 298 K पर 0.20 M KCl विलयन की चालकता 0.0248 S cm-1 है। इसकी मोलर चालकता का परिकलन कीजिए।

Answer - 23 : -


Question - 24 : - 298 K पर एक चालकता सेल जिसमें 0.001 M KCl विलयन है, का प्रतिरोध 1500 Ω है। यदि 0.001 M KCl विलयन की चालकता 298K पर 0.146 x 10-3 Scm-1 हो तो सेल स्थिरांक क्या है?

Answer - 24 : - k = x सेल नियतांक

सेल नियतांक = K R= 0.146 x 10-3 x 1500 =0.219 cm-1

Question - 25 : - 298 K पर सोडियम क्लोराइड की विभिन्न सान्द्रताओं पर चालकता का मापन किया गया जिसके आँकड़े अग्रलिखित हैं

Answer - 25 : -


सीधी रेखा को पीछे तक खींचने पर यह Δm अक्ष पर 124.0 S cm2 mol-1 पर मिलती है। यह Δºm का मान है।

Question - 26 : - 0.00241 M ऐसीटिक अम्ल की चालकता 7.896 x 10-5 Scm-1 है। इसकी मोलर चालकता को परिकलित कीजिए। यदि ऐसीटिक अम्ल के लिए  Δºm का मान 390.5 S cm2 mol-1 हो तो इसका वियोजन स्थिरांक क्या है?

Answer - 26 : -


Question - 27 : - निम्नलिखित के अपचयन के लिए कितने आवेश की आवश्यकता होगी?
(i) 1
मोल Al3+ को Al में
(ii) 1
मोल Cu2+ को Cu में।
(iii) 1
मोल MnO4 को Mn2+ में

Answer - 27 : -


Question - 28 : - निम्नलिखित को प्राप्त करने में कितने फैराडे विद्युत की आवश्यकता होगी?
(i)
गलित CaCl2 से 20.0 g Ca
(ii)
गलित Al2O3 से 40.0 g Al

Answer - 28 : -


Question - 29 : -

निम्नलिखित को ऑक्सीकृत करने के लिए कितने कूलॉम विद्युत आवश्यक है?

  1. 1 मोल H2O को O2 में।
  2. 1 मोल FeO को Fe2O3 में।

Answer - 29 : -

1. 1 mol H2O के लिए इलेक्ट्रोड अभिक्रिया इस प्रकार दी जाती है
H2O → H2 + 1/2 O2
अर्थात् O2- → 1/2 O2 +2e
आवश्यक विद्युत की मात्रा = 2F = 2 x 96500 C = 193000 C

2. 1 mol FeO के लिए इलेक्ट्रोड अभिक्रिया इस प्रकार दी जाती है
FeO → 1/2 Fe2O3
अर्थात् Fe2+ → Fe3+ + e
आवश्यक विद्युत की मात्रा = 1F = 96500 C

Question - 30 : - Ni(NO3)2 के एक विलयन का प्लैटिनम इलेक्ट्रोडों के बीच 5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करते हुए 20 मिनट तक विद्युत-अपघटन किया गया। Ni की कितनी मात्रा कैथोड पर निक्षेपित होगी?

Answer - 30 : - अभिक्रिया निम्न प्रकार सम्पन्न होती है
Ni2+ + 2e  → Ni
Ni
का परमाणु भार = 58.70

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