The Total solution for NCERT class 6-12
DNA अणु में दो रज्जुक, एक रज्जुक के प्यूरीन क्षारक तथा अन्य के पिरिमिडीन क्षारक के मध्य या इसके विपरीत के मध्य हाइड्रोजन आबन्धों के द्वारा जुड़े रहते हैं। क्षारकों के विभिन्न आकारों एवं ज्यामितियों के कारण DNA में एकमात्र सम्भव युग्मन G (ग्वानीन) तथा C (साइटोसीन) के मध्य तीन हाइड्रोजन आबन्धों द्वारा हो सकता है। दूसरे शब्दों में क्षारकों A (ऐडीनीन) तथा T (थायमीन) के मध्य दो हाइड्रोजन आबन्धों द्वारा युग्मन सम्भव होता है।
इस क्षारक-युग्मन सिद्धान्त के कारण एक रज्जुक में क्षारकों का अनुक्रम दूसरे रज्जुक में क्षारकों के अनुक्रम को स्वत: व्यवस्थित कर देता है। अत: DNA के दो रज्जुक समान नहीं होते, अपितु एक-दूसरे के पूरक होते हैं।