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Question -

समझाइए कि ऑर्थों-नाइट्रोफीनॉल, ऑर्थों-मेथॉक्सीफीनॉल से अधिक अम्लीय क्यों होता है।



Answer -

NO2 समूह के प्रबल –R तथा -[ प्रभाव के कारण O-H आबन्ध पर इलेक्ट्रॉन घनत्व घट जाता है, अत: प्रोटॉन आसानी से मुक्त हो जाता है।

प्रोटॉन त्यागने के पश्चात् शेष बचा o-नाइट्रोफीनॉक्साइड आयन अनुनाद द्वारा स्थायित्व प्राप्त करता है।
ऑर्थों-नाइट्रोफीनॉक्साइड आयन अनुनाद स्थायी होता है, अत: 0- नाइट्रोफीनॉल एक प्रबल अम्ल है। दूसरी तरफ OCH3 समूह के +R प्रभाव के कारण O–H आबन्ध पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है, अत: प्रोटॉन का निष्कासन कठिन हो जाता है।
अब o-मेथॉक्सीफोनॉक्साइड आयन जो कि प्रोटॉन के खोने के बाद शेष रहता है, अनुनाद के कारण विस्थायी (destablized) हो जाता है।

दो ऋणावेश परस्पर प्रतिकर्षित करते हैं तथा 0-मेथॉक्सीफीनॉक्साइड आयन को विस्थायी (destablize) करते हैं, अत: o-नाइट्रोफीनॉल, o-मेथॉक्सीफीनॉल से अधिक अम्लीय होता है।

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