Question -
Answer -
संक्रमण धातुओं के सामान्य अभिलक्षण (GeneralCharacteristics of Transition Elements) – संक्रमण धातुओं (d-ब्लॉक के तत्वों) के सामान्य अभिलक्षण निम्नलिखित हैं –
- लगभग सभी संक्रमण तत्व अभिधात्विक गुण जैसे उच्च तनन सामर्थ्य (tensile strength), तन्यता (ductility), वर्धनीयता (malleability), उच्च तापीय तथा विद्युत चालकता तथा धात्विक चमक दर्शाते हैं।
- मर्करी को छोड़कर, जो कमरे के ताप पर द्रव है, अन्य संक्रमण तत्वों की अभिधात्विक संरचनाएँ होती हैं।
- इनके गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते हैं तथा असंक्रमण तत्वों की तुलना में इनकी वाष्पन ऊष्मा उच्च होती है।
- s- ब्लॉक तत्वों की तुलना में संक्रमण तत्वों के घनत्व उच्च होते हैं।
- d- ब्लॉक के तत्वों की प्रथम आयनन ऊर्जाएँ 5-ब्लॉक के तत्वों से अधिक, परन्तु p-ब्लॉक के तत्वों से कम होती हैं।
- इनकी प्रवृत्ति विद्युत धनात्मक होती है।
- इनमें से अधिकांश तत्व रंगीन यौगिक बनाते हैं।
- इनमें संकुल बनाने की प्रवृत्ति अत्यधिक होती है।
- ये अनेक ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं।
- इनके यौगिक सामान्यतया अनुचुम्बकीय प्रवृत्ति के होते हैं।
- ये अन्य धातुओं के साथ मिश्रधातु (alloy) बनाते हैं।
- ये कुछ तत्वों; जैसे हाइड्रोजन, बोरॉन, कार्बन, नाइट्रोजन आदि के साथ अन्तराकाशी यौगिक बनाते हैं।
- अधिकांश संक्रमण धातुएँ जैसे Mn, Ni, Co, Cr, V, Pt आदि तथा इनके यौगिक उत्प्रेरकों के रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं।
d- ब्लॉक के तत्व संक्रमण धातुएँ कहलाते हैं क्योंकि ये तत्व अधिक विद्युत-धनात्मक 5-ब्लॉक के तत्वों तथा कम विद्युत-धनात्मक s- ब्लॉक के तत्वों से मध्यवर्ती गुण प्रदर्शित करते हैं तथा आवर्त सारणी में इनका स्थान s- तथा p- ब्लॉक के तत्वों के मध्य में है।
Zn, Cd तथा Hg का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सामान्य सूत्र (n – 1)d10 ns2 से प्रदर्शित किया जाता है। इन तत्वों में कक्षक तलस्थ (सामान्य) अवस्था में तथा साधारण ऑक्सीकरण अवस्थाओं में भी पूर्णपूरित होते हैं अर्थात् इनकी परमाण्विक अवस्था अथवा किसी भी एक आयनिक अवस्था में उपकोश अपूर्ण नहीं होते हैं, इसलिए इन्हें संक्रमण तत्व नहीं कहा जा सकता।