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Question -

बहुअणुक एवं वृहदाणुक कोलॉइड में क्या अन्तर है? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए। सहचारी कोलॉइड इन दोनों प्रकार के कोलॉइडों से कैसे भिन्न हैं?



Answer -

बहुअणुक तथा वृहदाणुक कोलॉइड में अन्तर
(Difference between Multimolecular and Macromolecular Colloids)
सहचारी कोलॉइड एवं बहुअणुक तथा वृहदाणुक कोलॉइडों में अन्तर (Difference among Associated Colloids and Multimolecular and Macromolecular Colloids) – बहुअणुक कोलॉइड सरल अणुओं जैसे SA की अत्यधिक संख्या के पुंजित होने पर बनते हैं। वृहदाणुक कोलॉइड अपने अणुओं के वृहद् आकार के कारण कोलॉइडी सीमा में होते हैं; जैसे–स्टार्च।। कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कम सान्द्रताओं पर सामान्य प्रबल विद्युत-अपघट्य के समान व्यवहार करते हैं, परन्तु उच्च सान्द्रताओं पर कणों का पुंज बनने के कारण कोलॉइड के समान व्यवहार करते हैं। इस प्रकार पुंजित कण मिसेल कहलाते हैं। ये सहचारी कोलॉइड भी कहलाते हैं। मिसेल केवल एक निश्चित ताप से अधिक ताप पर बनते हैं जिसे क्राफ्ट ताप (Kraft temperature) कहते हैं एवं सान्द्रता एक निश्चित सान्द्रता से अधिक होती है जिसे क्रान्तिक मिसेल सान्द्रता (CMC, Critical Micelle Concentration) कहते हैं। तनु करने पर ये कोलॉइड पुन: अलग-अलग आयनों में टूट जाते हैं। पृष्ठ सक्रिय अभिकर्मक; जैसे—साबुन एवं संश्लेषित परिमार्जक इसी वर्ग में आते हैं। साबुनों के लिए CMC का मान 10-4 से 10-3 mol L-1 होता है। इन कोलॉइडों में द्रवविरागी एवं द्रवरागी दोनों ही भाग होते हैं। मिसेल में 100 या उससे अधिक अणु हो सकते हैं।

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