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Question -

प्रत्येक के दो उदाहरण देते हुए निम्नलिखित को समझाइए-समन्वय समूह, लिगेण्ड, उपसहसंयोजन संख्या, उपसहसंयोजन बहुफलक, होमोलेप्टिक तथा हेटरोलेप्टिक।



Answer -

1. उपसहसंयोजन सत्ता या समन्वय समूह (Coordination entity) – केन्द्रीय धातु परमाणु अथवा आयन से किसी एक निश्चित संख्या में आबन्धित आयन अथवा अणु मिलकर एक उपसहसंयोजन सत्ता का निर्माण करते हैं। उदाहरणार्थ–[CoCl3(NH3)3] एक उपसहसंयोजन सत्ता है। जिसमें कोबाल्ट आयन तीन अमोनिया अणुओं तथा तीन क्लोराइड आयनों से घिरा है। अन्य उदाहरण हैं
[Ni(CO)4],[PtCl2(NH3)2], [Fe(CN)6]4-,[Co(NH3)6]3+ 
आदि।

2. लिगेण्ड (Ligand) – उपसहसंयोजन सत्ता में केन्द्रीय परमाणु/आयन से परिबद्ध आयन अथवा अणु लिगेण्ड कहलाते हैं। ये सामान्य आयने हो सकते हैं; जैसे- Cl, F, CN, OH छोटे अणु हो सकते हैं; जैसे- H2O या NH3, बड़े अणु हो सकते हैं; जैसे- H2NCH2CH2NH2 या N(CH2CH2NH2)3 अथवा वृहदाणु भी हो सकते हैं; जैसे- प्रोटीन।

3. उपसहसंयोजन संख्या (Coordination number) – एक संकुले में धातु आयन की उपसहसंयोजन संख्या (CN) उससे आबन्धित लिगेण्डों के उन दाता परमाणुओं की संख्या के बराबर होती है, जो सीधे धातु आयन से जुड़े हों।
उदाहरणार्थसंकुल आयनों [PtCl6]2- तथा [Ni(NH3)4]2+ में Pt तथा Ni की उपसहसंयोजन संख्या क्रमश: 6 तथा 4 है। इसी प्रकार संकुल आयनों [Fe(C2O4)3]3- और [Co(en)3]3+ में Fe और Co दोनों की समन्वय संख्या 6 है क्योंकि C2O2-4 तथा en (एथेन-1, 2-डाइऐमीन) द्विदन्तुर लिगेण्ड हैं।

उपसहसंयोजन संख्या के सन्दर्भ में यह तथ्य महत्त्वपूर्ण है कि केन्द्रीय परमाणु/आयन की उपसहसंयोजन संख्या केन्द्रीय परमाणु/आयन तथा लिगेण्ड के मध्य बने केवल o (सिग्मा) आबन्धों की संख्या के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। यदि लिगेण्ड तथा केन्द्रीय परमाणु/आयन के मध्य π (पाई) आबन्ध बने हों तो उन्हें नहीं गिना जाता।

4. उपसहसंयोजन बहुफलक (Coordinationpolyhedron) – केन्द्रीय परमाणु/आयन से सीधे जुड़े लिगेण्ड परमाणुओं की दिक्स्थान व्यवस्था (spacial arrangement) को उपसहसंयोजन बहुफलक कहते हैं। इनमें अष्टफलकीय, वर्ग समतलीय तथा चतुष्फलकीय मुख्य हैं। उदाहरणार्थ– [Co(NH3)6]3+ अष्टफलकीय है, [Ni(CO)4] चतुष्फलकीय है तथा [PtCl4]2- वर्ग समतलीय है। चित्र-1 में विभिन्न उपसहसंयोजन बहुफलकों की आकृतियाँ दर्शायी गई हैं।

5. होमोलेप्टिक (Homoleptic) – संकुल जिनमें धातु परमाणु केवल एक प्रकार के दाता समूह (लिगेण्ड) से जुड़ा रहता हैहोमोलेप्टिक संकुल कहलाते हैं। उदाहरणार्थ– [Co(NH3)6]3+ तथा [Fe(CN)6]4-.

6. हेटरोलेप्टिक (Heteroleptic) – संकुल जिनमें धातु परमाणु एक से अधिक प्रकार के दाता समूहों (लिगेण्डों) से जुड़ा रहता हैहेटरोलेप्टिक संकुल कहलाते हैं। उदाहरणार्थ – [Co(NH3)4Cl2]+ तथा [Pt(NH3)5Cl]3+.

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