Question -
Answer -
1. कार्बोनिल यौगिकों की नाभिकरागी योगज अभिक्रियाओं के प्रति क्रियाशीलता का बढ़ता क्रम है –
ब्यूटेनोन < प्रोपेनोन < प्रोपनल < एथेनल
2. क्रियाशीलता का बढ़ता क्रम है –
ऐसीटोफीनोन < p-टॉलूऐल्डिहाइड< बेन्जेल्डिहाइड < p-नाइट्रोबेन्जेल्डिहाइड
ऐसीटोफीनोन कीटोन है, जबकि अन्य सदस्य ऐल्डिहाइड हैं। अत: यह सबसे कम क्रियाशील होता है। p-टॉलूऐल्डिहाइड में CH3 समूह कार्बोनिल समूह के सापेक्ष p:स्थान पर है जो कार्बोनिल समूह के कार्बन पर अतिसंयुग्मन (hyperconjugation) प्रभाव के कारण इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ाता है और इसे बेन्जेल्डिहाइड से कम क्रियाशील बनाता है।

दूसरी ओर p-नाइट्रोबेन्जेल्डिहाइड में -NO2 समूह शक्तिशाली इलेक्ट्रॉन निष्कासक समूह है। यह अनुनाद के कारण इलेक्ट्रॉन निष्कासित करता है। अत: कार्बोनिल समूह के कार्बन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व घटाता है। यह नाभिकस्नेही के आक्रमण की सुविधा प्रदान करता है तथा इसे बेन्जेल्डिहाइड की तुलना में अधिक क्रियाशील बनाता है।